सूरह काफिरून का तर्जुमा & तफसीर | Surah Kafirun in Hindi

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आज हम इस पोस्ट के जरिए Surah Kafirun in Hindi, English, Arabic, Urdu और तर्जुमा के साथ सीखेंगे | 

सूरह काफिरून एक मक्की सूरह है और ये सूरह क़ुरान का 109वा सूरह है जिसमे कुल 6 आयत है और क़ुरान शरीफ के 30वें पारे में मौजूद है | 

सूरह काफिरून की बहुत बड़ी फज़ीलत है जिसे आज हम हदीश की रोशनी में जानेंगे और इस सूरह की तफ़्सीर और तशरीह भी जानेंगे | 

इसी लिए आपसे गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को आख़िर तक पढ़ कर पूरी जानकारी हासिल जरूर करें, तो चलिए अब हम सूरह काफिरून(Surah Kafirun in Hindi) को गहराई से जानते हैं | 

सूरह काफिरून हिंदी में | Surah Kafirun in Hindi

Surah Kafirun in Hindi

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम 

  1. .कुल या अय्युहल काफिरून  
  1. ला अ बुदु मा तअ’बुदून  
  1. वला अन्तुम आ बिदूना मा अ’अबुद  
  1. वला अना आबिदुम मा अबत तुम  
  1. वला अन्तुम आबिदूना मा अअ’बुद  
  1. लकुम दीनुकुम वलि यदीन

सूरह काफिरून का तर्जुमा | Surah Kafirun in Hindi

Surah Kafirun in Hindi Tarjuma

अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत बड़ा मेहरबान व निहायत रहम वाला है।

  1. आप कह दीजिये ए ईमान से इनकार करने वालों |
  1. न तो मैं उस की इबादत करता हूँ जिस की तुम पूजा करते हो |
  1. और न तुम उसकी इबादत करते हो जिसकी मैं इबादत करता हूँ  |
  1. और न मैं उसकी इबादत करूंगा जिसको तुम पूजते हो |
  1. और न तुम ( मौजूदा सूरते हाल के हिसाब से ) उस खुदा की इबादत करने वाले हो जिसकी मैं इबादत करता हूँ | 
  1. तो तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन और मेरे लिए मेरा दीन |

Surah Kafirun in Arabic

Surah Kafirun in Arabic

بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

  1. قُلۡ يٰۤاَيُّهَا الۡكٰفِرُوۡنَۙ
  2. لَاۤ اَعۡبُدُ مَا تَعۡبُدُوۡنَۙ‏
  3. وَلَاۤ اَنۡتُمۡ عٰبِدُوۡنَ مَاۤ اَعۡبُدُ‌ۚ‏
  4. وَلَاۤ اَنَا عَابِدٌ مَّا عَبَدتُّمۡۙ
  5. وَ لَاۤ اَنۡتُمۡ عٰبِدُوۡنَ مَاۤ اَعۡبُدُؕ‏
  6.  لَـكُمۡ دِيۡنُكُمۡ وَلِىَ دِيۡنِ‏

Surah Kafirun in Roman English

Surah Kafirun in Roman English

Bismilla Hiraahma Nir Rahaeem  

  1. Qul Ya Ayyuhal Kaafiroon  
  1. La Aa Budu Ma Ta’budoon  
  1. Wala Antum Abidoona Ma Aa’bud  
  1. Wala Ana Abidum Ma Abattum  
  1. Wala Antum Aabidoona Ma Aa’bud  
  1. Lakum Deenukum Waliya Deen  

Surah Kafirun in English

Surah Kafirun in English

In the name of Allah, Most Gracious, Most Merciful.

  1. Say, “O disbelievers,
  2. I do not worship what you worship.
  3. Nor are you worshippers of what I worship.
  4. Nor will I be a worshipper of what you worship.
  5. Nor will you be worshippers of what I worship.
  6. For you is your religion, and for me is my religion.”

Surah Kafirun in Urdu

Surah Kafirun in Urdu

اللہ کے نام سےشروع جو نہایت مہربان ہمیشہ رحم فرمانےوالا ہے

  1. (اے پیغمبر ان منکران اسلام سے) کہہ دو کہ اے کافرو!
  2.  جن (بتوں) کو تم پوچتے ہو ان کو میں نہیں پوجتا
  3.  اور جس (خدا) کی میں عبادت کرتا ہوں اس کی تم عبادت نہیں کرتے
  4.  اور( میں پھر کہتا ہوں کہ) جن کی تم پرستش کرتے ہوں ان کی میں پرستش کرنے والا نہیں ہوں
  5.  اور نہ تم اس کی بندگی کرنے والے (معلوم ہوتے) ہو جس کی میں بندگی کرتا ہوں
  6. تم اپنے دین پر میں اپنے دین پر

सूरह काफिरून की फजीलत

इब्न अब्बास (र. जि.) बयान करते हैं रसूल अल्लाह (ﷺ) फरमाते हैं के सूरह इज़ा ज़ुल ज़िलतिल आधे क़ुरान के बराबर है, कुल हुवा अल्लाहु अहद एक तिहाई क़ुरान के बराबर है और कुल या अय्युहल काफिरून एक चौथाई क़ुरान के बराबर है | 

Reference: Jami` at-Tirmidhi 2894

उम्मुल मूमिनीन हज़रत आयशा (र. जि) से मरवी है के : रसूल अल्लाह (ﷺ) फजर से पहले दो रकत नमाज़ पढ़ते थें और फ़रमाया करते थें की फज्र के दो रकतों में पढ़ी जाने वाली बेहतरीन दो सूरह “सूरह इखलास ” और “सूरह काफिरून ” है | 

Reference: Sunan Ibn Majah 1150

उबय बिन काब (रजि.) से रिवायत है के रसूल अल्लाह (ﷺ) वित्र की नमाज़ में ये सूरह पढ़ा करते थें | “सूरह अल आला” “सूरह काफिरून” और “सूरह इखलास ”

Reference : Sunan Ibn Majah 1171

नाज़रीन आप देख चुके के इस सूरह (Surah Kafirun in Hindi) की कितनी बड़ी फज़ीलत है जो हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) ने बताई और अपने नमाज़ों में शामिल करके बताया | 

Surah Kafirun Ki Tafseer &Tashreeh

हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) ने जब मक्का में दिने इस्लाम की दावत देना शुरू किया तो कुछ ही लोगो ने इस्लाम क़ुबूल किया लेकिन मुशरिकीन अरब का बूत परस्ती पर यकीन कम होने लगा और उनके ज़ेहन में ये वस्वसा आने लगा की क्या वाकई में हम जिस मज़हब की पैरवी कर रहें वो सच्चा मज़हब है भी या नहीं | 

जब मक्का के सरदारों ने ये हालात देखा तो मुसलमानों को तरह तरह से परेशान करने लगे तो जब उन्होंने देखा के उनके ईमान का नशा एक ऐसा नशा है तो उतारे नहीं उतरता तो उन सरदारों ने लालच देने का और आपस में मुसलिहत करने का तरीका इख्तियार करने की कोशिश करने लगे  | 

सूरह काफिरून कब नाज़िल हुई | Surah Al Kaafiroon Soorah Kab Nazil Huyi

जब मक्का के सरदार हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) के खिदमत में हाज़िर हुए और कहने लगे “आए हम इस बात पर सुलह कर लेते हैं कि आप जिस खुदा की इबादत करते हैं हम भी उस खुदा की इबादत किया करेंगे और हम जिस खुदा की पूजा किया करते हैं आप भी उस खुदा की इबादत करें और हम तमाम मामलात में एक दूसरे के शरीक हो जाते हैं, तो जिस मज़हब को आप लेकर आए हैं उस मज़हब में खैर हुई तो हम आपके मज़हब में शरीक हो जाएंगे और हम जिस मज़हब पर अमल करते हैं अगर इसमें खैर हो तो आप इस मज़हब को अपना लेंगे ” इसी मौके पर ये सूरह नाज़िल हुई थी | 

दूसरे रिवायत में आता है कि मक्का के सरदारों ने कहा की एक साल आप हमारे खुदा की इबादत करें और एक साल हम आपके खुदा की इबादत करेंगे | (तफसीरे क़ुरतुबी)

जाहिर है कि ये कबीले कुबूल न थी जिस तरह रोशनी और अँधेरा एक साथ नहीं रह सकते उसी तरह कोई शख्स एक वक़्त में दो मज़हब का कायल हो | 

आख़िरी बात 

मुझे उम्मीद है कि आप Surah Kafirun in Hindi, English, Arabic, Urdu और तर्जुमा के साथ सिख चुके होंगे और साथ ही साथ इसकी फज़ीलत और तफ़सीर भी जान चुके होंगे | 

इसी तरह और भी हिंदी में सूरह जानने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट से जुड़े रहें | 

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