अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, क्या आप जानना चाहते हैं के Dajjal ke Fitne se Kaise Bache तो बिलकुल बेफिक्र जाए क्यूकी आज हम रसूल अल्लाह (ﷺ) की Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua देखेंगे |
साथ ही साथ Dajjal Ke Fitne Se Bachne के मुताल्लिक हदीश भी देखेंगे |
दोस्तों दज्जाली फितना एक ऐसा फितना है जिससे हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) पनाह माँगा करते थें, और सहाबा को भी पनाह मांगने की तरग़ीब दिया करते थें |
तो चलिए अब हम इस दज्जाल के फितने से बचने की दुआ हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ देखते हैं, तो आप इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें |
Contents
Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua in Arabic
اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنْ عَذَابِ الْقَبْرِ، وَمِنْ عَذَابِ النَّارِ، وَمِنْ فِتْنَةِ الْمَحْيَا وَالْمَمَاتِ، وَمِنْ فِتْنَةِ الْمَسِيحِ الدَّجَّالِ
Reference: Sahih al-Bukhari 1377
Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua in Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी आऊजु बिका मिन अज़ाबिल कब्र व मिन अज़ाबिन्नार, व मिन फितनातिल महया वल ममात व मिन शर्रिल फितनातील मसीहीद दज्जाल
Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua Ka Tarjuma:- ऐ अल्लाह ! मै क़ब्र के अज़ाब से तेरी पनाह चाहता हूँ और दोजख़ के अज़ाब से और ज़िन्दगी और मौत की आजमाइश से और काने दज्जाल की बला से तेरी पनाह चाहता हूँ |
Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua in English
Allahumma ini a`uju bika min ‘ajabil-Qabr, wa min ‘ajabi-nnar, wa min fitnatil-mahya wa-lmamat, wa min fitnatil-masihid-dajjal.
Translation:- O Allah! I seek refuge with you from the punishment in the grave and from the punishment in the Hell fire and from the afflictions of life and death, and the afflictions of Al-Masih Ad-Dajjal.
Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua in Urdu
اے اللہ ! میں قبر کے عذاب سے تیری پناہ چاہتا ہوں اور دوزخ کے عذاب سے اور زندگی اور موت کی آزمائشوں سے اور کانے دجال کی بلا سے تیری پناہ چاہتا ہوں-
Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua Ki Hadish
आयशा (रजि.) बयान करती हैं कि रसूल अल्लाह (ﷺ) से सुना, आप अपनी नमाज़ में दज्जाल के फ़िटने से पनाह मांगते थें |
Reference: Sahih al-Bukhari 7129
अबू दरदा (रजि.) से रिवायत है के नबी करीम (ﷺ) ने फरमाया: जिसने सूरह कहफ की इब्तिदाई 10 आयतें याद करली वो दज्जाल के फ़िटने से महफूज रहेगा |
अबू दाऊद कहते हैं : इसी तरह हिसाम दस्तवाइ ने क़तादा से रिवायत किया है मगर उसमे है: “जिसने सूरह कहफ की आख़िरी आयतें याद की” शुबा ने भी क़तादा से “कहफ के आख़िर” से के अल्फाज़ रिवायत किये हैं |
Reference: Sunan Abi Dawud 4323
आख़िरी बात
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप रसूल अल्लाह (ﷺ) की Dajjal Ke Fitne Se Bachne Ki Dua सिख चुके होंगे साथ ही साथ इससे मुताल्लिक हदीश भी जान चुके होंगे |
इसी लिए हमें हमेशा नमाज़ में दरूदे इब्राहिम के बाद इस दुआ को पढ़ते रहना चाहिए, और हर जुमे के दिन सूरह कहफ की तिलावत करनी चाहिए |
इसी तरह अज़ाबे कब्र से बचने की दुआ या और भी इस्लामिक दुआ या सूरह जानने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट से जुड़े रहें |
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