सफर की दुआ (Safar ki dua) एक ऐसी दुआ है जो हमारी सफर के दौरान हिफाज़त करती है |
हम उस दौर में हैं जहाँ हम सबको सफर करने की जरुरत पड़ती है| ऐसे में अगर हमें दुआ ए सफर (Dua e safar) याद हो तो इशाअल्लाह हमें सफर के दौरान मुसीबतो का सामना करना नहीं पड़ेगा |
सफर पर जाने की दुआ (Safar par jane ki dua) को क़ुरान से लिया गया है और इसे याद करना भी बेहद आसान है आप एक मिनट के अंदर सफर पे जाने की दुआ (Safar pe jane ki dua) पढ़ सकते हैं|
इस सफर की दुआ (Safar ki dua) को हम किसी भी तरह के सफर मे पढ़ सकते है चाहे वो कार, हवाई जहाज, मोटर साइकिल, ट्रैन या कोई सी भी सवारी गाड़ी हो |
हम चाहे तो इस Safar dua के शुरू और आखिर में दरूद शरीफ या आयतल कुर्सी भी पढ़ सकते हैं |
आज हम इस आर्टिकल में सफर की दुआ (Safar ki dua), सफर के दरमियान की दुआ (Safar ke bich ki dua), सफर में जाने की दुआ (Safar me jane ki dua) हिंदी, इंग्लिश, उर्दू,अरबी, और तर्जुमा के साथ सीखेंगे |
आपसे गुज़ारिश है के इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें |
Contents
सफर की दुआ इन हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा
दुआ ए सफर (Safar ki duwa) से पहले हम जब नियत कर लेते है सफर करने का तो सफर के इरादा के बाद Safar ke liye dua पढ़ सकते है, इसलिए पहले हम
जब सफ़र का इरादा करे लें, तो ये दुआ पढ़ें
اللَّهُمَّ بَكَ أَصُولُ وَبِكَ أَجُولُ وَبِكَ أَسِيرُ
अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीर
Allahum-ma bi-ka asulu wa bi-ka ahulu wa bi-ka asir
तर्जुमा :- अल्लाह मैं तेरी मदद से ही हमला करता हूँ , तेरी ही मदद से उनको दूर करने की तद्-बीर करता हूँ तथा तेरी ही मदद से चलता हूँ।
तो चलिए अब हम सफर की दुआ (Safar ki dua hindi mein) सीखते हैं |
जब आप किसी गाड़ी, ट्रेन या हवाई जहाज के पायदान पर कदम रखें तो बिस्मिल्लाह कहें फिर सवारी पर बैठने की दुआ पढ़ें, और जब जानवर की पीठ या सीट पर बैठ जाए तो अल्हम्दुलिल्लाह कहें । उसके बाद नीचे लिखा सफर की दुआ (Safar karne ki dua) पढ़ें ।
Safar ki Dua in Arabic
سُبْحَـٰنَ ٱلَّذِى سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُۥ مُقْرِنِينَ وَإِنَّآ إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
Safar ki Dua in Hindi | सफर की दुआ हिंदी में
सुब्हानल्लजी सख्ख-र लाना हाज़ा व मा कुन्ना लहू मुकि्रनीन व इन्ना इला रब्बिना ल-मुन्क़लिबून।
Safar ki Dua ka Tarjuma in Hindi
अल्लाह पाक है, जिसने उसको हमारे कब्जे में दे दिया तथा हम उसकी क़ुदरत के बगै़र इसे कब्जे में करने वाले ना थे तथा बिला शुब्हा हमको अपने रब की तरफ़ जाना है।
Safar ki Dua in Roman English
Subha Nal Lazi Sakhkharlana Haaza wama kunna Lahu Muqrineen Wa Inna ilaa Rabbina Lamun Qaliboon.
Safar ki Dua in English
Allah is Pak who has given this journey under our control, without his nature we would not have been able to control it. And indeed, we will return to our Allah.
Safar ki Dua in Urdu | सफर की दुआ उर्दू में
اللہ تعالٰی پاک ہے جس نے یہ سفر ہمارے کنٹرول میں دیا ہے ، اس کی قدرت کے بغیر ہم اس پر قابو نہیں پا سکتے تھے۔ اور بلا شبہ ہمیں اپنے رب کی طرف جانا ہے۔
अगर आप सफर शुरू कर चुके हैं और आपने दुआ ए सफर नहीं पढ़ी तो निचे लिखी सफर के दरमियान की दुआ (safar ke darmiyan ki dua) को पढ़ें |
सफर के दरमियान की दुआ – Safar ke Darmiyan ki Dua
निचे सफर के दरमियान की दुआ हिंदी, अरबी, इंग्लिश और तर्जुमे के साथ लिखा है |
सफर के दरमियान की दुआ अरबी में
اللَّهُمَّ إِنَّا نَسْأَلُكَ فِي سَفَرِنَا هَذَا الْبِرَّ وَالتَّقْوَى وَمِنَ الْعَمَلِ مَا تَرْضَى اللَّهُمَّ هَوِّنْ عَلَيْنَا سَفَرَنَا هَذَا وَاطْوِ لَنَا بُعْدَهُ اللَّهُمَّ أَنْتَ الصَّاحِبُ فِي السَّفَرِ وَالْخَلِيفَةُ فِي الْأَهْلِ اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنْ وَعْثَاءِ السَّفَرِ وَكَآبَةِ الْمَنْظَرِ وَسُوءِ الْمُنْقَلَبِ فِي الْمَالِ وَالْأَهْلِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنَ الْحُورِ بَعْدَ الْكُورِ وَدَعْوَةِ الْمَظْلُومِ
सफर के दरमियान की दुआ हिंदी में
अल्लाहुम-म इन्ना नस् अलु-क फ़ी स-फ़-रिना हाज़ल बिर-र वत्तक़्वा व मिनल अ-म लि मा तर्ज़ा अल्लाहुम-म हव्विन अलैना स-फ़-र-ना हाजा़ वत्वि-ल-ना बुअ् द हू अल्लाहुम-म अन्तस्साहिबु फ़िस्स-फ़-रि वल ख़लीफ़तु फि़ल अहिल अल्लाहुम-म इन्नी अअूज़ुबि-क मिंव-वअ् साइस्स-फ़ रि व का ब ति ल मन्ज़रि व सूइल मुन्क़-ल-बि फ़िल मालि वल अहि्ल व अअूज़ुबि-क मिनल हौरि बअ दल कौरि व दअ वतिल मज़्लूम
सफर के दरमियान की दुआ रोमन इंग्लिश में
Allahum-ma inna nas alu-ka fi s-fa-rina hajal bir-ra vattaqva wa minal a-ma li ma tarza Allahum-ma hawvin alaina s-fa-ra-na hajaa watwi-la-na bu d hu Allahum- Ma antasaahibu fiss-fa-ri wal khalifatu fil ahil allahum-ma inni aaujubi-ka minv-wa saiss-fa riwa ka ba til manjari wa suil munq-la-bi fil maali wal ahil wa aauzubi-ka minal hauri baa dal Kauri wa daa watil mazloom
सफर के दरमियान की दुआ का तर्जुमा हिंदी में
ऐ अल्लाह ! हम इस सफर में ईमानदारी और तकवा से भरे रहने की दुआ करते हैं और आपके राज्य में रुचिकर काम करने की अमल की मांग करते हैं।
ऐ अल्लाह, हमारे लिए यह सफर आसान कर दीजिए और हमारे लिए दूरी कम कर दीजिए।
ऐ अल्लाह, यह आपका सफर है और आप हमारे साथ हैं और हमारे सभी कामों का सफलता आपके हाथ में है।
ऐ अल्लाह, हम यात्रा के दौरान दुखों और मुश्किलों से बचने की दुआ करते हैं और माल और परिवार के लिए अच्छी तरह से वापस लौटने की दुआ करते हैं।
ऐ अल्लाह, हमें अपनी मकामात की परवाह किए बिना आपकी जन्नत की दुआ करते हैं।
मंज़िल यानी रेलवे या बस स्टेशन पर उतरने के बाद की दुआ
जब हम सफर करके किसी बस स्टेशन या रेलवे स्टेशन तक पहुँच जाते हैं तो हमें अल्लाह को नहीं भूलना चाहिए जिसकी वजह से हमें हमारे सफर में मुसीबतो का सामना नहीं करना पड़ा |
अगर आप जिस जगह जाना चाहते थे वो जगह अभी नहीं आयी और आप किसी स्टेशन पे गाड़ी बदलने के लिए भी रुके तो ये दुआ को पढ़ सकते हैं |
أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّاتِ مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ
अअूज़ु बिकलिमातिल्लाहित्ताम्माति मिन शर्रि मा ख-लक़
Aaoozu bikalimaatillaahittaammaati min sharri ma kh-laq
तर्जुमा :- अल्लाह के पूरे कलिमात के वास्ते से अल्लाह की पनाह चाहता हूँ और उसके मख़्लूक़ के शर से।
मंज़िल या बस्ती में दाखिल होने के बाद की दुआ
जब आप किसी मंजिल या बस्ती में दाखिल होने लगें तो निचे लिखी दुआ को ३ बार पढ़ें |
اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهَا
अल्लाहुम-म बारिक लना फ़ीहा
Allahum-ma barik lana fihaa
तर्जुमा :- ऐ अल्लाह, तू हमें इस में बरकत दे।
उसके बाद निचे लिखी दुआ पढ़े |
اللَّهُمَّ ارْزُقْنَا جِنَاهَا وَحَبِّبْنَا إِلَى أَهْلِهَا وَحَبِّبْ صَالِحِي أَهْلِهَا إِلَيْنَا
अल्लाहुम-मर्ज़ुक़्ना जना हा व हब्बिबाना इला अहिल हा व हब्बिब सालिही अहिलहा इलैना।
Allahum-Marzuqna Jana Ha Wa Habbibana Ila Ahil Ha Wa Habbib Salihi Ahilha Ilaina.
तर्जुमा :- ऐ अल्लाह, तु हमें इसके मेवे नसीब फ़रमा और यहां के बाशिंदों के दिलों में हमारी मोहब्बत और यहां के नेक लोगों की मोहब्बत हमारे दिलों में पैदा फ़रमा दें।
FAQs:
सफ़र क्या है?
जब हम किसी सवारी गाड़ी (गाड़ी, बस, ट्रेन, जहाज़,आदि) से एक जगह से दूसरे जगह तक जाते है तो उसे सफर कहते हैं |
कितनी दुरी को सफ़र माना जाता है?
कुछ उलमा का कहना है के अगर 90 किलोमीटर की दुरी तय करते हैं तो उसे सफर माना जाता है और दूसरे जानिब कुछ उलमा का कहना है के 2 दिन के सफर को सफर माना जाता है |
सफ़र की दुआ पढ़ना फ़र्ज़, सुन्नत या नफिल है?
सफर की दुआ पढ़ना नफिल है इसीलिए इसे पढ़े तो सवाब है और ना पढ़े तो कोई गुनाह नहीं |
क्या सफर करने वाले की दुआ जल्दी कबूल होती है?
अगर दिन ए इस्लाम के तरीके से सफर की जाए तो सफर करने वाले शख्स की दुआ जल्दी कबूल होती है |
आखिरी बात
मै उम्मीद करता हूँ कि आप इस आर्टिकल को पढ़ कर सफर की दुआ (safar ki dua) हिन्दी, इंग्लिश, अरबी और तर्जुमा के साथ सिख चुके होंगे |
इसी तरह सोने की दुआ या और भी इस्लामिक दुआ या इस्लामिक जानकारी हासिल करने के लिए इस वेबसाइट से जुड़े रहें |
अगर आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं या इस पोस्ट से मुताल्लिक कोई मशवरह देना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स Comment Box में Comment कर सकते हैं |
आखिर में आपसे मेरी गुज़ारिश है कि इस सफर की दुआ (Safar ki duaa) आर्टिकल को अपने दोस्तों और रिस्तेदारो में जरूर शेयर करें |
allrealilam.com एक इस्लामिक वेबसाइट है, जो Md Waliur Rahman द्वारा 2023 में शुरू की गई है, ताकि दुनिया भर के लोगों तक ऑथेंटिक इस्लामिक दुआएं, और जानकारी क़ुरान और हदीश की रौशनी में पहुंचाई जा सके।
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