Roza Rakhne Ki Dua | Roza Rakhne Ki Niyat |  Sehri Ki Dua

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, क्या आप Roza Rakhne Ki Dua या Roza Rakhne Ki Niyat या Sehri Ki Dua जानना चाहते हैं और आप इस दुआ के तलाश में यहाँ आए हैं | 

तो बिलकुल बेफिक्र हो जाए क्यों की आज हम इस दुआ को हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ सीखेंगे| 

साथ ही साथ ये भी जानेंगे के अगर इस दुआ को पढ़ना भूल गए तो क्या होता है और इससे मुताल्लिक कुछ हदीश भी देखेंगे

दोस्तों Roza Rakhne Ki Dua या Sehri Ki Dua या Roza Rakhne Ki Niyat सब एक ही है बस नाम का फर्क है| 

अगर हम ये दुआ सहरी में किसी कारन वस या याद नहीं होने की वजह से नहीं पढ़ते या पढ़ना भूल जाते है तो भी हमारा रोजा हो जाता है क्यूँ की हम सहरी ही इस नियत से करते हैं कि हमें रोज़ा रखना है| 

तो चलिए अब हम बिना किसी देरी के इस दुआ को देखते है |

Roza Rakhne Ki Dua

जैसा की आप यक़ीनन जानते होंगे की हर मुसलमान पर रमजान का रोज़ा रखना फर्ज़ है और रोज़ा इस्लाम के 5 सुतूनों में से एक सुतून है | 

हम रोज़ा रखने के लिए सुबह फजर से पहले उठते हैं और सहर करते है और हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) फरमाते हैं कि सहरी खाओ क्यों की सहरी में बरकत होती है

ये दुआ हम सुबह सहरी करने के बाद पढ़ते हैं जो निचे लिखी है | 

Roza Rakhne Ki Dua in Arabic

وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ

Roza Rakhne Ki Dua in Hindi

व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान

तर्जुमा:- मैं रमज़ान के इस रोज़े की नियत करता/ करती हूँ।

Roza Rakhne Ki Dua in Roman English

Wa bisawmi ghadinn nawaiytu min shahri ramadan

Roza Rakhne Ki Dua in English

I Intend to keep the fast for month of Ramadan

Roza Rakhne Ki Dua in Urdu

اورمیں نے ماہ رمضان کے کل کے روزے کی نیت کی

Sehri Ki Hadish 

अनस बिन मालिक رضی اللہ عنہ से रिवायत है कि रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : सहरी खाओ के सहरी में बरकत होती है | 

Sahih al-Bukhari 1923

अबू हुरैरा رضی اللہ عنہ से रिवायत है कि रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : तुम में कोई जब सुबह की अज़ान सुने और (खाने पीने का) बर्तन उसके हाथ में हो तो उसे अपनी जरूरत पूरी किए बगैर न रखें | 

Sunan Abi Dawud 2350

अबू हुरैरा رضی اللہ عنہ से रिवायत है कि रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : खजूर मोमिन की कितनी अच्छी सहरी है | 

Sunan Abi Dawud 2345

आख़िरी बात 

मै उम्मीद करता हूँ की आपको Roza Rakhne Ki Dua पसंद आई होगी और आप इस छोटी सी दुआ को याद भी कर चुके होंगे| 

रोज़ा रखने का बहुत सवाब है और रोज़ा का सवाब अल्लाह खुद से देगा तो हमें रोज़ा रखना चाहिए और ये फर्ज़ भी है| 

इस दुआ की तरह रोजा खोलने की दुआ भी पढ़ना चाहिए और रमज़ान में तीन अशरा होता है और हर अशरे में हमें दुआ करनी चाहिए तो आप रमजान के पहले अशरे की दुआ, दूसरे अशरे की दुआ और तीसरे अशरे की दुआ भी याद करलें | 

आखिर में आपसे गुज़ारिश है कि इसी तरह बहुत सारे इस्लामिक दुआओं को सिखने के लिए इस वेबसाइट से जुड़े रहें और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें

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