Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dua | दो सजदों के दरमियान की दुआ

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, आज हम Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dua हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ देखेंगे | 

आमतौर हम ये देखते हैं कि बहुत सारे लोग दो सजदों के बिच में कोई दुआ पढ़े बगैर ही सजदे में चले जाते हैं, लेकिन हमें उस वक़्त करनी चाहिए जो हदीश से शाबित है और हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) दो सजदों के दरमियान में दुआ पढ़ते थें | 

इसी लिए आज हम दो सजदों के दरमियान की 2 दुआ देखेंगे और ये दुआ बहुत ही आसान है और हम इस दुआ को बहुत कम वक़्त में याद कर सकते हैं|

साथ ही साथ हम ये भी देखेंगे के इस दुआ को पढ़ने का तरीका क्या है, इससे मुताल्लिक हदिशे कौन कौन सी है और इस दुआ की फज़ीलत क्या है | 

तो चलिए अब हम बिना किसी देरी के इन दोनों दुआओं को देखते हैं और आपसे गुज़ारिश है कि इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ें और पूरी जानकारी हासिल करें | 

Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dua

दोस्तों इन दोनों दुआओं को हमने अरबी, हिंदी और रोमन इंग्लिश में भी लिखा है तो आप कोशिस करें की अरबी में पढ़ें |

और अगर आपको अरबी नहीं आती या पढ़ने में दिक्कत होती है तो आप किसी भी भाषा से पढ़ सकते हैं |

Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Pahli Dua

Do Sajdon Ke Bich Ki Dua

رَبِّ اغْفِرْ لِي، رَبِّ اغْفِرْ لِيْ

रब्बिग-फिरली, रब्बिग-फिरली

Rabbighfir li, Rabbighfir li

तर्जुमा:- ऐ मेरा रब मुझे माफ कर दे, ऐ मेरा रब मुझे माफ कर दे

Translation:- O Lord forgive me, O Lord forgive me

اے میرے رب مجھے معاف کر دے, اے میرے رب مجھے معاف کر دے۔

Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dusri Dua

اللّٰهُمَّ اغْفِرْ لِي، وَارْحَمْنِي، وَاهْدِنِي، وَاجْبُرْنِي، وَعَافِنِي، وَارْزُقْنِي، وَارْفَعْنِيْ

अल्लाहुम्मग-फिरली, वर-हमनी, वह’दिनी, वजबुरनी, व-आफिनी, वर-जुकनी, वर-फा’नी।

Allahumag-firli, war hamni, wah-dini, wajburni, wa-aafinee, war-zuqni, war-faani

तर्जुमा:- ऐ अल्लाह मुझे माफ कर, मुझ पर रहम कर, मुझे हिदायत दे, मेरी मदद कर मेरी हिफाजत कर, मुझे रिज़्क़ अता कर, और मेरा दर्जा बुलंद कर।

Translation:- O Allah forgive me, have mercy on me, guide me, support me, protect me, provide for me, and elevate me.

اے اللہ مجھے بخش دے، مجھ پر رحم فرما، میری رہنمائی فرما، میری مدد فرما، میری حفاظت فرما، میری حفاظت فرما، مجھے رزق عطا فرما, میرا درجات بلند فرما۔

Hisn al-Muslim 49

Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dua ka Tarika

दोस्तों मै उम्मीद करता हूँ कि आपको ये दुआ याद हो चूकि होगी तो चलिए अब हम इस दुआ को पढ़ने का तरीका जानते है | 

दोस्तों जब हम नमाज़ पढ़ते हैं और रुकुह के बाद सजदे में जाते हैं और जब पहला सजदा करके उठ कर बैठते हैं उस वक़्त इन दोनों दुआओं में से किसी एक दुआ को पढ़ते हैं उसके बाद फिर से तकबीर(अल्लाहु अकबर) कह कर सजदे में चलें जाते हैं|

इसी तरह हर रकत में दोनों सजदों के दरमियान इस दुआ को पढ़ते हैं | 

Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dua Hadees

हुदैफा(RA) से रिवायत है के रसूल अल्लाह (ﷺ)  दोनों सजदों के दरमियान फरमाते: रब्बिग-फिरली, रब्बिग-फिरली

Sunan Ibn Majah 897

इब्न अब्बास (RA) से मरवी है के : जब रात को (क़ियामुल-लैल) की नमाज़ पढ़ते तो रसूल अल्लाह (ﷺ) दोनों सजदों के दरमियान ये कहते : رَبِّ اغْفِرْ لِي وَارْحَمْنِي وَاجْبُرْنِي وَارْزُقْنِي وَارْفَعْنِي 

Sunan Ibn Majah 898

इसी लिए हम ये दुआ भी दोनों सजदों के दरमियान पढ़ सकते हैं | 

Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dua ki Fazilat

चलिए अब हम इस दुआ की फज़ीलत देखते हैं | 

  • इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह हमारे गुनाहों को माफ़ करता है | 
  • इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह हमारे ऊपर रहमत और बरकत नाज़िल करता है | 
  • इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह हमें अपने सीधे राश्ते पे रखता है | 
  • इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह हमें अपने हिफाज़त में रखता है | 
  • इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह हमें रिज़्क़ अता करता है | 

Conclusion

मै उम्मीद करता हूँ कि आप Do Sajdon Ke Darmiyan Ki Dua सिख चुके होंगे और साथ ही इसे पढ़ने का तरीका और इससे मुताल्लिक हदीश और इस दुआ की फ़ज़ीलत भी जान चुके होंगे | 

इसी तरह और भी बहुत सारे इस्लामिक दुआओं को जानने के लिए हमारे इस वेबसाइट से जुड़े रहें और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके सदक़ा ए जारिया हासिल करें

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