दुआ ए कुनूत (Dua E Qunoot in Hindi) भी बाकि सभी दुआओ की तरह एक दुआ है | इस दुआ को हम इशा में फ़र्ज़ नमाज़ के बाद के वित्र की नमाज़ के तीसरी रकात में सूरह फातिहा और कोई सुरह पढ़ लेने के बाद पढ़ते हैं |
आज हम दुआए क़ुनूत हिंदी, इंग्लिश, अरबी में और तर्जुमे साथ सीखेंगे|और अगर आपको दुआ ए कुनूत याद ना हो तो क्या पढ़े और दुआ ए कुनूत पढ़ना भूल जाए तो क्या करें और दुआ ए कुनूत की फजीलत के बारे में सीखेंगे |
तो आपसे गुजारिश है के इस आर्टिकल (दुआ ए क़ुनूत हिंदी में | Dua e Qunoot Hindi Mein) को आखिर तक जरूर पढ़ें इंशाअल्लाह इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप आसानी से दुआ ए कुनूत (dua a qunoot) सिख जायेंगे |
Contents
- 1 Dua e Qunoot in Hindi
- 2 Dua e Qunoot in Arabic
- 3 Dua e Qunoot in Roman English
- 4 Dua e Qunoot in Urdu
- 5 Dua e Qunoot In English
- 6 Dua e Qunoot Ka Tarjuma in Hindi
- 7 Dua e Qunoot na Aaye to Kya Padhe | दुआ ए कुनूत याद ना हो तो क्या पढ़े
- 8 दुआ-ए-क़ुनूत पढ़ना भूल जाए तो क्या करें
- 9 Dua E Qunoot Ki Fazilat
- 10 दुआ ए कुनूत से जुडी हदीस
- 11 आखिरी बात
- 12 FAQs:
Dua e Qunoot in Hindi
कभी भी किसी दुआ या सूरह पढ़ते हैं तो अऊज़ुबिल्लाही मिनाश सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर शुरू करना चाहिए| उसी तरह दुआ ए कुनूत (dua e qunoot in hindi) की तिलावत करने से पहले पढ़ लें |
” अल्ला हुम्मा इन्ना नस्ता ईनु क व नास्तगफिरुका व नु’अ मिनु बिका व नतावक्कलु अलाइका वा नुस्नी अलैकल खैर
व नशकुरुक वला नकफुरुका व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक
अल्ला हुम्मा इय्याका नअबुदु व लका नुसल्ली व नस्जुदु व इलैका नस्आ व नहफिज़ु व नरजू
रहमतका व नख्शा अज़ाबका इन्ना अज़ाबका बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ “
Dua e Qunoot in Arabic
اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ
وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ
اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو.
رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ
Dua e Qunoot in Roman English
Allah Humma Inna Nasta eeno ka Wa Nastagh firuka Wa Nu minu Bika Wa Nata Wakkalu Alaika Wa Nusni Alaikal Khair
Wa Nashkuruka Wala Nakfuruka Wa Nakhla-oo Wa Natruku Mainyyaph-Jurook
Allah Humma Iyaka Nabudu Walaka Nusalli Wa Nasjud Wa Ilaika Nas Aa Wa Nah fizu Wa Narju
Rahma Taka Wa Nakhshaa Azaa baka Inna Azaa baka Bil Kuffari Mulhikk.
Dua e Qunoot in Urdu
الہی ! ہم تجھ سے مدد چاہتے ہیں اور تجھ سے معافی مانگتے ہیں اور تجھ پر ایمان رکھتے ہیں اور تجھ پر بھروسہ کرتے ہیں اور تیری بہت اچھی تعریف کرتے ہیں اور تیرا شکر کرتے ہیں اور تیری نا شکری نہیں کرتے اور الگ کرتے ہیں اور چھوڑتے ہیں اس شخص کو جو تیری نافرمانی کرے۔
الہی ! ہم تیری ہی عبادت کرتے ہیں اور تیرے ہی لئے نماز پڑھتے ہیں اور سجدہ کرتے ہیں اور تیری ہی طرف دوڑتے اور جھیلتے ہیں اور تیری رحمت کے امیدوار ہیں اور تیرے عذاب سے ڈرتے ہیں، بیشک تیر ا عذاب کافروں کو پہنچنے والا ہے ۔
Dua e Qunoot In English
Ya Allah, we seek help from You and ask for forgiveness from You, believe in You and trust You and praise You very well and thank You and do not thank You. You separate and leave that person who disobeys you.
Ya Allah, You alone we worship and You alone we offer prayer and we prostrate and we run and pounce towards You and we are hopeful of Your mercy and we fear Your punishment, surely Your punishment is about to reach the disbelievers.
Dua e Qunoot Ka Tarjuma in Hindi
चलिए अब हम दुआ ए कुनूत का तर्जुमा हिंदी में (dua a qunoot in hindi tarjuma) जानते हैं |
तर्जुमा :- ऐ अल्लाह, हम आप से मदद चाहते हैं ! और आप से माफी मांगते हैं आप पर ही ईमान रखते हैं और आप पर ही भरोसा करते हैं, और आपकी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं और आपका शुक्र अदा करते हैं और आपकी ना सुकरी नहीं करते, और अलग करते हैं और छोड़ते हैं, उस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें।
ऐ अल्लाह, हम आपकी ही इबादत करते हैं और आपके लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं और सजदा करते हैं और आपकी तरफ दौड़ते और झपटते हैं और आपकी रहमत के हकदार हैं और आपके आजाब़ से डरते हैं, और बेशक आपका आजाब़ काफिरों को पहुंचने वाला है।
Dua e Qunoot na Aaye to Kya Padhe | दुआ ए कुनूत याद ना हो तो क्या पढ़े
दुआ ए कुनूत (dua e qunoot in hindi) अगर आपको याद ना हो तो आपको सबसे पहले उसे जल्दी याद करने की कोशिश करनी चाहिए| और जब तक आपको ये याद नहीं हो जाती उसके जगह ईशा के वित्र की नमाज़ में निचे लिखी दुआ पढ़ सकते हैं |
رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
“रब्बना आतिना फिद दुनिया हसन तव वफिल आखिरति हसन तव वकिना अज़ाबन नार”
Rab Bana Aatina Fid-Dunya Hasana tanw Wa-fil Aakhirati Hasana tanw Waqina Azaa ban Naar
तर्जुमा– ऐ हमारे रब, हमें इस दुनिया में नेकी और जो हमेशा हमेशा की ज़िंदगी आख़िरत है उसमे भी नेकी दे और हमें जहन्नमं के अज़ाब से बचाना।
दुआ-ए-क़ुनूत पढ़ना भूल जाए तो क्या करें
जब कभी भी हम वित्र की तीसरी रकात में दुआ ए क़ुनूत ( Dua e Qunoot in Hindi ) पढ़ना भूल जाते हैं |
तो ऐसे में इस्लामिक मान्यता के हिसाब से हमें सबसे पहले बैठकर अत्ताहिय्यात पढ़ना चाहिए और फिर जब हम एक सलाम फेरेंगे और दूसरा सलाम न फेरते हुए एक बार फिर से दो सजदे करते हैं |
और अंत में फिर अत्ताहिय्यात, दुरूदे इब्राहिम और दुआए मासुरा पढ़कर हम सलाम फेर लेते हैं ।
Dua E Qunoot Ki Fazilat
- दुआ ए कुनूत (dua e qunoot in hindi) को वित्र की नमाज़ में पढ़ने से नमाज़ की अदब पूरी होती है |
- दुआ ए कुनूत (dua e qunoot in hindi) को वित्र की नमाज़ में पढ़ना वाज़िब है| अगर इसे पढ़ना भूल गए तो सज़दा सहव करना जरुरी है |
- दुआ ए कुनूत (dua e qunoot in hindi) को पढ़ने से अल्लाह पाक हमारे परेशनियो को दूर कर देता है |
दुआ ए कुनूत से जुडी हदीस
अबू हुरैरा (ra) से रिवायत है “ लो मैं तुम्हें नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की नमाज़ के क़रीब-क़रीब कर दूँगा। चुनांचे अबू-हुरैरा (रज़ि०) ज़ोहर, इशा और सुबह की आख़िरी रकअत में क़ुनूत पढ़ा करते थे। ( سمع الله لمن حمده ) के बाद। यानी मोमिनों के हक़ में दुआ करते और काफ़िरों पर लानत भेजते । “
अनस (ra) से रिवायत है कि (ﷺ) आप ने फ़रमाया कि दुआ ए कुनूत फ़ज्र और मग़रिब की नमाज़ों में पढ़ी जाती है ।
मैंने अनस-बिन-मालिक (रज़ि०) से क़ुनूत के बारे में पूछा तो आप ने फ़रमाया कि दुआए क़ुनूत (नबी करीम (सल्ल०) के दौर में) पढ़ी जाती थी। मैंने पूछा कि रुकूअ से पहले या उसके बाद? आप ने फ़रमाया कि रुकूअ से पहले। आसिम ने कहा कि आप ही के हवाले से फ़ुलाँ शख़्स ने ख़बर दी है कि आप ने रुकूअ के बाद फ़रमाया था। उसका जवाब अनस ने ये दिया कि उन्होंने ग़लत समझा। रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने रुकूअ के बाद सिर्फ़ एक महीना दुआए क़ुनूत पढ़ी थी ।
हुआ ये था कि आप (सल्ल०) ने सहाबा में से सत्तर क़ारियों के क़रीब मुशरिकों की एक क़ौम (बनी-आमिर) की तरफ़ से उन को तालीम देने के लिये भेजे थे ये लोग उन के सिवा थे जिन पर आप ने बद्दुआ की थी। उन मैं और नबी करीम (सल्ल०) के बीच अहद था लेकिन उन्होंने अहद तोड़ दिया (और क़ारियों को मार डाला) तो नबी करीम (सल्ल०) एक महीने तक (रुकूअ के बाद) क़ुनूत पढ़ते रहे उन पर बद्दुआ करते रहे ।
नबी करीम (सल्ल०) ने एक महीने तक दुआए-क़ुनूत पढ़ी और उसमें क़बीले रिअल और ज़कवान पर बद्दुआ की थी ।
नबी करीम (सल्ल०) ने एक महीने तक (नमाज़ में) क़ुनूत पढ़ी और रिअल और ज़कवान और बनू लह्यान के लिये बद्दुआ करते रहे। क़तादा ने कहा कि हम से अनस (रज़ि०) ने कहा कि (उन शहीदों के बारे में) क़ुरआन मजीद में हम ये आयत इस तरह पढ़ते रहे “हाँ! हमारी क़ौम (मुस्लिम) को बता दो कि हम अपने रब से जा मिले। और वो हम से राज़ी हो गया है और हमें भी उसने ख़ुश किया है। फिर ये आयत मंसूख़ हो गई थी ।
आखिरी बात
मै उम्मीद करता हूँ कि आप इस आर्टिकल को पढ़ कर दुआ ए कुनूत (Dua E Qunoot in Hindi) हिन्दी, इंग्लिश, अरबी और तर्जुमा के साथ सिख चुके होंगे |
अगर आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं या आपको इस आर्टिकल में कोई गलती नज़र आए तो कमेंट बॉक्स (Comment Box) मे कमेंट कर सकते हैं |
और भी इस्लामिक जानकारी हासिल करने के लिए इस Iftar Ki Dua को विजिट करें |
आखिर में आपसे मेरी गुज़ारिश है कि इस दुआए क़ुनूत हिंदी में (Dua a Kunut Hindi Mein) आर्टिकल को अपने दोस्तों और रिस्तेदारो में जरूर शेयर करें |
FAQs:
क्या दुआए क़ुनूत पढ़ना जरूरी है?
दुआ ए कुनूत नमाज़ में पढ़ना वाज़िब है |
दुआ ए कुनूत कब पढ़ा जाता है?
दुआ ए कुनूत (Dua qunut) ईशा के वित्र की नमाज़ के तीसरी रकात में पढ़ते हैं |
दुआए कुनूत भूल गए तो क्या नमाज़ होगी ?
अगर आप दुआ ए कुनूत नमाज़ में पढ़ना भूल गए हैं तो सज़दा सहव करना पड़ेगा |
allrealilam.com एक इस्लामिक वेबसाइट है, जो Md Waliur Rahman द्वारा 2023 में शुरू की गई है, ताकि दुनिया भर के लोगों तक ऑथेंटिक इस्लामिक दुआएं, और जानकारी क़ुरान और हदीश की रौशनी में पहुंचाई जा सके।
Kutbe ka tarzuma bhi batao na bhai