Itikaf Ki Dua Aur Niyat | रमज़ान में एतिकाफ़ की नियत और दुआ

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, क्या आप एतिकाफ़ करने का इरादा क और आप Itikaf Ki Dua या नियत और और तरीका जानना चाहते हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हैं | 

साथ ही साथ हम ये भी जानेंगे की औरतों के लिए एतिकाफ़ की दुआ क्या है और रमजान के सुन्नत एतिकाफ़ के अलावा नफ़्ल एतिकाफ़ की दुआ क्या है | 

Sahih Muslim 1172a में आयशा رضی اللہ عنہا बयान करती हैं कि रसूल अल्लाह (ﷺ) रमज़ान के आख़िरी अशरे में दस दिनों का एतिकाफ़ किया करते थें | 

इससे हमें ये पता चलता है कि हमें भी रमज़ान के तीसरे अशरे यानि आख़िरी अशरे में एतिकाफ़ करना चाहिए, और इसकी बहुत बड़ी फज़ीलत है | 

तो चलिए अब हम इसके बारे में गहराई से जानते हैं और आपसे गुज़ारिश है कि इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ कर एतिकाफ़ के मुताल्लिक पूरी जानकारी हासिल करें | 

एतिकाफ़ क्या है ? Itikaf Kya Hai In Hindi

दोस्तों एतिकाफ़ का मतलब रुक जाना होता है , हम एतिकाफ़ रमज़ान के आख़िरी अशरे यानि आख़िरी 10 दिन दुनिया दारी से दूर होकर मस्जिद में बैठ कर अल्लाह की इबादत जैसे रोज़ा, नमाज़, क़ुरान शरीफ़ की तिलावत, तस्बीह, अल्लाह का जिक्र करते हैं| 

एतिकाफ़ करने का असल मकसद शबे कद्र हासिल करना होता है | 

और अगर कोई औरत चाहती है के वो भी एतिकाफ़ करें तो वो अपने ही घर के किसी हिस्से में बैठकर एतिकाफ़ कर सकती हैं | 

एतिकाफ़ की नीयत | Itikaf Ki Niyat In Hindi

दोस्तों अगर आपको एतिकाफ़ में बैठने के लिए एतिकाफ़ की दुआ याद नहीं तो आप सिर्फ दिल में नियत करके एतिकाफ़ में बैठ सकते हैं | 

क्यूँ की नियत का मतलब यही है कि किसी भी काम या इबादत को करने के लिए दिल से इरादा कर लेना |

और अगर आप दुआ के जरिए नियत करना चाहते हैं तो निचे लिखी एतिकाफ़ की दुआ को याद करलें या नहीं तो इसे देख कर भी पढ़ सकते है | 

एतिकाफ़ की दुआ | Itikaf Ki Dua

चलिए दोस्तों अब हम इस दुआ को हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ देखते हैं उसके बाद एतिकाफ़ करने का तरीका, फज़ीलत और शर्तों के बारे में अचे से जानेंगे | 

Itikaf ki Dua

Itikaf Ki Dua in Arabic

بِسْمِ اللهِ دَخَلْتُ وَعَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَنَوَيْتُ سُنَّةَ الْإِعْتِكَانُ

Itikaf Ki Dua in Hindi

बिस्मिल्लाही दख़लतु व’अलैहि तवक्कलतु वनवयतू सुंनतुल इतिकाफ

तर्जुमा:- मैं अल्लाह के ख़ुशनसीब नाम से मस्जिद में दाखिल हुआ हूँ और उसी पर भरोसा किया है और एतिकाफ़ की सुन्नत का इरादा किया है। ऐ अल्लाह मुझ पर अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे।

Itikaf Ki Dua in English

Bismillahi Dakhaltu Wa’Alayhi Tawakkaltu Wanawaytu Sunnatul I’tikaaf

Translation:- In the name of Allah, I enter the (mosque) and only upon Him (Allah) do I rely I am making the Intention of Sunnatul I’tikaf.

Itikaf Ki Dua in Urdu

میں اللہ کے بابرکت نام کے ساتھ مسجد میں داخل ہوا ہوں اور اسی پر توکل کیا ہے اور اعتکاف کی سنت کی نیت کی ہے۔ اے اللہ مجھ پر اپنی رحمت کے دروازے کھول دے۔

Nafl Itikaf Ki Niyat Ki Dua

दोस्तों अगर आप रमजान के अलावा कभी भी नफ़्ल एतिकाफ़ करना चाहते हैं तो निचे लिखे दुआ को पढ़ कर नियत करें |

Nafl Itikaf ki Niyat ki Dua

نَوَيْتُ الْإِعْتِكَافَ مَا دُمُتُ فِي الْمَسْجِدِ

नवैतुल इ’तिकाफ माँ दुमतु फील मस्जिद  

NAWAYTUL I`TIKFA MA DUMTU FIL MASJID

तर्जुमा:- जब तक मैं मस्जिद में रहूंगा, मैं अल्लाह के लिए जो बुलंद व शानदार है एतिकाफ करने का इरादा रखता हूं।

Translation:- I intend making l’tikaf for Allah, the High, the Glorious, as long as I remain in the Masjid.

औरतों के लिए एतिकाफ़ की दुआ | Itikaf Ki Dua For Female

अगर आप एतिकाफ़ में बैठना चाहती है तो आप भी ऊपर लिखे दुआ को पढ़ कर नियत कर सकती है, और घर के किसी शांत हिस्से में एतिकाफ़ के लिए बैठ सकती हैं |

आपको ये याद भी रखना चाहिए के एतिकाफ़ करने के दौरान पाकीज़गी (हैज़ से) न होना जरुरी है, और ये भी ध्यान रखे की घरेलू कामकाज नहीं कर सकेंगी और उनकी देखरेख में बेटियां या घर में जो मौजूद है वो करेंगी।

एतिकाफ़ करने का तरीका | Itikaaf karne Ka Tarika

आप ये जान चिके हैं कि एतिकाफ़ क्या है और एतिकाफ़ की दुआ और नियत क्या है तो चलिए अब इसका तरीका देझते हैं 

एतिकाफ़ की शर्ते (नियम)

  • मर्द मस्जिद में ही रहकर एतिकाफ़ करें और इबादत करे।
  • औरत घर के किसी कोने में रहकर एतिकाफ़ कर सकती है
  • बीसवीं रमज़ान के दिन मगरिब की नमाज़ पढ़कर एतिकाफ़ करने वाला शख्स मस्जिद में ही रुक जाए।
  • एतिकाफ़ में लोगों से दुनियावी बातें करना मना है।
  • मस्जिद के बाहर किसी दुनियावी काम से जाना भी मना है| 
  • अगर मस्जिद में बैतूल खला नहीं है तो वो बाहर निकल सकता है।
  • इसके दौरान एतिकाफ करने वाला शख्श मरीज़ को देखने मस्जिद से बहार नहीं जा सकता।
  • एतिकाफ के दौरान इंसान किसी भी ज़नाज़े में शामिल नहीं हो सकता।

आख़िरी बात

मुझे उम्मीद है कि आप इस आर्टिकल को पढ़ कर जान चुके होंगे की Itikaf Ki Dua और नियत क्या है, और इसका तरीका क्या है | 

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