Karz Utarne ki Dua | Karz ki Dua In Hindi

क़र्ज़ की दुआ (karz ki dua/Karz Utarne ki Dua) एक ऐसी दुआ है जो हमें कर्ज़ उतारने में मदद करती है | जो हदीश से साबित है, और अगर हम चाहते हैं कि क़र्ज़ से जल्द से जल्द निजात हासिल हो तो हमें क़र्ज़ उतारने की दुआ याद होनी चाहिए | 

आज के दौर में क़र्ज़ लेना आम बात हो चूका है, चाहे वो किसी भी कारण से कर्ज़ लिया हो | हम आमतौर पर किसी दोस्त, रिश्तेदार या बैंक से लोन या क़र्ज़ ले लेते हैं | मगर कर्ज़ अदाएगी में दुस्वारियों का सामना करना पड़ता है | 

तो आज हम इस आर्टिकल में क़र्ज़ की दुआ हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू में और तर्जुमा के साथ सीखेंगे | 

साथ ही क़र्ज़ के फ़िक्र से निजात की दुआ, क़र्ज़ की दुआ हदीश के साथ और भी गहराई में जानेंगे, इसीलिए आपसे दरख्वास्त है के इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहें इंशाअल्लाह आप आसानी से क़र्ज़ अदाएगी/उतारने की दुआ सिख जाएंगे | 

Karz Utarne ki Dua

क्या आपके दिमाग में आ रहा के सिर्फ क़र्ज़ की दुआ पढ़ कर आपके क़र्ज़ की अदाएगी हो जाएगी तो मै बताता चलू के ऐसा बिलकुल भी नहीं है क्यों के हमें क़र्ज़ से निजात हासिल करने में मेहनत भी जरूर करनी पड़ेगी|

अगर हम मेहनत में साथ साथ क़र्ज़ उतारने की दुआ पढ़ें तो हमें आसानी से कर्ज़ अदा करने में कामियाबी हासिल होगी |

Karz Utarne ki Dua

Karz Utarne ki Dua in Arabic

اَللّٰہُمَّ اَکْفِنِیْ بِحَلَالِکَ عَنْ حَرَامِکَ وَاَغْنِنِیْ بِفَضْلِکَ عَمَّنْ سِوَاکَ

Karz Utarne ki Dua In Hindi

अल्लाहुम्म कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क

Qarz Ki Dua in Roman English

Allahummak-finee Bi-h’alaalika An H’araamika Wa Aghninee Bi-faz’lika A’mman Siwaaka

Karz Ki Dua in English

may Allah almighty give me enough, give me your Halal provision and save me from Haraam provision, and do not make me needy of anyone except yourself by your grace.

Karz Utarne Ki Dua in Urdu

اے اللہ ! اپنے حلال کے ذریعے مجھے حرام سے بچا اور مجھے اپنے فضل سے اپنے ماسواسے مستغنی فرمادے

क़र्ज़ की दुआ तर्जुमा के साथ

ऐ अल्लाह! तू हमें हलाल दे कर हराम से बचा और अपने फज़ल (रिज़्क़, माल व दौलत ) से नवाज़ कर अपने सिवा किसी और से मांगने से बेनियाज़ करदे |

Qarz ke Fiqr se Nijat ki Dua | क़र्ज़ के फ़िक्र से निजात की दुआ

اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْهَمِّ وَالْحَزَنِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنَ الْعَجْزِ وَالْكَسَلِ وَأَعُوذُ بِكَ مِنَ الْجُبْنِ وَالْبُخْلِ 

وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ غَلَبَةِ الدَّيْنِ وَقَهْرِ الرِّجَا

अल्लाहुम्मा इन्नी अउदू बीका मिनल-हम्मी वल हज़ान, वा अउदू बीका मीनल-‘अज्जी वल-कसल वा अउदू बीका मिनल-जुबनी वल-बुखुल वा अउदू बीका मिन ग़लाबतिद-दैन वा क़हरिर-रिजाल।

Allahumma Inni A’udhu Bika Minal-hammi wal hazan, Wa A’udhu Bika Minal-’ajzi Wal-kasal Wa A’udhu Bika Minal-jubni Wal-bukhul Wa A’udhu Bika Min Ghalabatid-dayn Wa Qahrir-rijal.

اے اللہ ! میں غم اور حزن سے تیری پناہ مانگتا ہوں ، عاجزی و سستی سے تیری پناہ مانگتا ہوں ، بزدلی اور کنجوسی سے تیری پناہ مانگتا ہوں اور قرض کے غلبہ اور لوگوں کے تسلط سے تیری پناہ مانگتا ہوں

O Allah, I seek refuge in Thee from care and grief, I seek refuge in Thee from incapacity and slackness, I seek refuge in Thee from cowardice and niggardliness, and I seek in Thee from being overcome by debt and being put in subjection by men.

Sunan Abi Dawud 1555

Karz ki Dua Hadees

अली [रजि.] से रिवायत है:

कि एक मकातिब ग़ुलाम ने उनके पास आया और अर्ज़ किया: “मैं अपनी मकातिब के रकम अदा करने के काबिल नहीं हूँ, इसलिए मेरी मदद कीजिए।” उन्होंने कहा: “क्या मैं आपको वो कलिमात न सिखाऊं जो मुझे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने मुझे सिखाए थें?” अगर आपके सर पर बड़े पहाड़ के बराबर भी कर्ज़ होता है तो अल्लाह उसे दूर कर देगा। 

फिर अली [रजि.] कहा: अल्लाहुम्म कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क “ ऐ अल्लाह! तू हमें हलाल दे कर हराम से बचा और अपने फज़ल (रिज़्क़, माल व दौलत ) से नवाज़ कर अपने सिवा किसी और से मांगने से बेनियाज़ करदे |”

Jami` at-Tirmidhi 3563

आएशा (रजि.) से रिवायत है के : रसूलल्लाह (ﷺ) नमाज़ में दुआ किया करते थें|

اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْمَأْثَمِ وَالْمَغْرَمِ

ऐ अल्लाह! मै गुनाह और क़र्ज़ से तेरी पनाह मांगता हूँ

किसी ने अर्ज़ किया: ऐ अल्लाह के रसूल (ﷺ)! आप क़र्ज़ से इतनी पनाह मांगते हैं? आप (ﷺ) ने फ़रमाया जब आदमी मक़रूज़ होता है तो बात बात पर झूठ बोलता है और वादा करके उसकी खीलाफ वर्ज़ी करता है |

Sahih al-Bukhari 2397

आखिरी बात

मै उम्मीद करता हूँ कि आप इस आर्टिकल को पढ़ कर क़र्ज़ उतारने की दुआ (Karz Utarne ki Dua) हिन्दी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ सिख चुके होंगे | साथ ही ये भी बताता चलु के दुआ के साथ साथ मेहनत भी करने की जरुरत होगी|

अगर आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं या आपको इस आर्टिकल में कोई गलती नज़र आए तो कमेंट बॉक्स (Comment Box) मे कमेंट कर सकते हैं|

आखिर में आपसे मेरी गुज़ारिश है कि इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और रिस्तेदारो में जरूर शेयर करें|

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