अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आज हम इस पोस्ट के जरिए Musibat Ke Waqt Ki Dua हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ देखेंगे |
Surah Baqarah Ayat 155-156 में अल्लाह फरमाते हैं कि “और जरूर हम तुम्हे आज़माएंगे कुछ डर और भूक से और कुछ मालों और जानों और फलों की कमी से और खुशखबरी सुना दो उन सबर करने वालों को उन लोगों पर जब कोई मुसीबत आती है तो कहते हैं “इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन” ”
इसीलिए जब भी हम किसी मुसीबत में मुब्तिला होते हैं तो हमें सब्र करना चाहिए और इस हदीश से साबित मुसीबत के वक़्त की दुआ को पढ़ते रहना चाहिए |
तो चलिए अब हम Musibat Ki Dua देखते हैं और आपसे गुज़ारिश पोस्ट को आखिर तक पढ़ कर पूरी जानकारी हासिल करें |
Contents
Musibat Ke Waqt Ki Dua in Arabic
اِنَّا لِلّٰہِ وَاِنَّا اِلَیْہِ رَاجِعُوْنَ،اَللّٰھُمَّ أْجُرْنِیْ فِیْ مُصِیْبَتِیْ وَاخْلُـفْ لِیْ خَیْرًامِّنْھَا۔
Reference: Muslim 2/632.
Musibat Ke Waqt Ki Dua in Hindi
इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन, अल्लाहुम्मा जुरनी फी मुसिबाती वखलूफ ली खैरान मिन्हा।
Musibat Ke Waqt Ki Dua Ka Tarjuma:- यक़ीनन हम अल्लाह ही की मिलकियत हैं और उसी की तरफ लौट कर जाने वाले हैं, ऐ अल्लाह ! मुझे मुसीबत का अजर अता कर और बदले में मुझे उस से ज्यादा बेहतर अता कर |
Musibat Ke Waqt Ki Dua in English
Inna Lillahi wa inna ilayhi rajioon, Allahumma jurni fi musibati wakhluf li khayran minha.
Translation:- We are from Allah and unto Him we return. O Allah take me out of my plight and bring to me after it something better.
Musibat Ke Waqt Ki Dua in Urdu
يقینا ہم اللہ ہى كى ملكيت ہیں اور اسى كى طرف لوٹ كر جانے والے ہیں۔ اے اللہ مجھے ميرے اس مصیبت كا اجر دے اور بدلے ميں مجھے اس سے زيادہ بہتر دے۔
आख़िरी बात
मुझे उम्मीद है कि आप Musibat Ke Waqt Ki Dua सिख चुके होंगे और आपको ये दुआ बेहद पसंद भी आई होगी |
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