अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, क़ुरान की 112वीं सूरह Surah Ikhlas in Hindi, English, Arabic, Urdu & Tarjuma के साथ सीखेंगे |
सूरह इखलास क़ुरान के छोटे सूरह में से एक सूरह है जिसमे सिर्फ 4 आयत है, और ये मक्की सूरह है |
सूरह इखलास की बहुत बड़ी फज़ीलत है जिसके बारे में भी आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे |
तो चलिए अब हम Surah Ikhlas in Hindi में देखते हैं और आपसे गुज़ारिश है कि इस सौराह को तर्जुमे के साथ समझ कर जरूर पढ़ें |
Contents
- 1 सूरह इखलास हिन्दी में | Surah Ikhlas in Hindi
- 2 सूरह इखलास हिन्दी तर्जुमा | Surah Ikhlas in Hindi Tarjuma
- 3 सूरह इखलास अरबी में | Surah Ikhlas in Arabic
- 4 सूरह इखलास रोमन इंग्लिश में | Surah Ikhlas in Roman English
- 5 सूरह इखलास इंग्लिश में | Surah Ikhlas in English
- 6 सूरह इखलास उर्दू में | Surah Ikhlas in Urdu
- 7 Surah Ikhlas Ki Fazilat । सूरह इखलास की फजीलत हदीश से
- 8 Surah Ikhlas Tafseer
- 9 आख़िरी बात
सूरह इखलास हिन्दी में | Surah Ikhlas in Hindi
बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम
- कुल हुवल लाहू अहद
- अल्लाहुस समद
- लम यलिद वलम यूलद
- वलम यकूल लहू कुफुवन अहद ।
सूरह इखलास हिन्दी तर्जुमा | Surah Ikhlas in Hindi Tarjuma
शुरू अल्लाह के नाम से जो बहुत बड़ा मेहरबान व निहायत रहम वाला है।
- आप कह दीजिये कि अल्लाह एक है
- अल्लाह बेनियाज़ है
- वो न किसी का बाप है न किसी का बेटा
- और न कोई उस के बराबर है
सूरह इखलास अरबी में | Surah Ikhlas in Arabic
بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
- قُلۡ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ
- ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ
- لَمۡ يَلِدۡ وَلَمۡ يُولَدۡ
- وَلَمۡ يَكُن لَّهُۥ كُفُوًا أَحَدُۢ
सूरह इखलास रोमन इंग्लिश में | Surah Ikhlas in Roman English
Bismillah hir rahman nir raheem
- Qul huwal laahu ahad.
- Allah hus-samad.
- Lam yalid wa lam yoolad.
- Wa lam yakul-lahoo kufuwan ahad.
सूरह इखलास इंग्लिश में | Surah Ikhlas in English
In the name of Allah, the Entirely Merciful, the Especially Merciful.
- Say, “He is Allah, [who is] One,
- Allah, the Eternal Refuge.
- He neither begets nor is born,
- Nor is there to Him any equivalent.
सूरह इखलास उर्दू में | Surah Ikhlas in Urdu
- کہو کہ وہ (ذات پاک جس کا نام) الله (ہے) ایک ہے
- معبود برحق جو بےنیاز ہے
- نہ کسی کا باپ ہے اور نہ کسی کا بیٹا
- اور کوئی اس کا ہمسر نہیں
Surah Ikhlas Ki Fazilat । सूरह इखलास की फजीलत हदीश से
- हज़रत अबू सईद खुदरी (रजि.) से रिवायत है के रसूल अल्लाह (ﷺ) ने अपने सहाबा से फ़रमाया : क्या तुम में से किसी के लिए ये मुमकिन नहीं के क़ुरान का एक तिहाई हिस्सा एक रात में पढ़ा करें, सहाबा को ये अमल बड़ा मुश्किल मालूम हुआ और उन्होंने अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह (ﷺ) हम में से कौन इसकी ताकत रखता है, तो रसूल अल्लाह (ﷺ) ने उसपर फ़रमाया के कुल हुवल लाहू अहद अल्लाहुस समद क़ुरान का एक तिहाई हिस्सा है |
Reference: Sahih al-Bukhari 5015
- अनस (रजि.)ने बयान किया के एक आदमी ने अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह (ﷺ) मुझे सूरह इखलास पसंद है, तो आप (ﷺ) ने फ़रमाया इसकी मुहब्बत तुम्हे जन्नत में दाखिल करेगी |
Reference: Riyad as-Salihin 1013
Surah Ikhlas Tafseer
आख़िरी बात
मुझे उम्मीद है कि आप Surah Ikhlas in Hindi, English, Arabic, Urdu & Tarjuma के साथ सिख चुके होंगे और आप इसके फज़ीलत के बारे में भी जान चुके होंगे |
इसीलिए हम में से हर एक शख्स को सूरह इखलास याद होना चाहिए, और इस सूरह से हमें भी मुहब्बत होना चाहिए ताके अल्लाह हमें इस सूरह के बरकत से जन्नत में दाख़िल कर दे |
इसी तरह सूरह काफिरून या सूरह नास या और भी क़ुरानी सूरह या इस्लामिक दुआ जानने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट से जुड़े रहें |
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