सूरह अल-माऊन | Surah Maun in Hindi / Surah Araital Lazi

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आज हम क़ुरान की 107वीं सूरह Surah Maun in Hindi, English, Arabic, Urdu और Tarjuma के साथ देखेंगे |

साथ ही साथ हम इस सूरह की तफ़सीर भी जानेंगे |

Araital Lazi Surah ही सूरह अल-माऊन है जिसे हम हमेशा नमाज़ में पढ़ते हैं या सुनते हैं, और अगर ऐसे में हम इस सूरह का तर्जुमा जान जानेंगे तो मालूम होगा के अल्लाह इस इस सूरह में क्या कहना चाहते हैं, जो हर एक मुसलमान भाई और बहन को जानना जरुरी है |

Surah Maun में कुल 7 आयत है जिसे हम आसानी से याद कर सकते हैं, और इस सूरह की बहुत बड़ी फज़ीलत है |

तो चलिए अब हम सूरह अल-माऊन | Surah Maun in Hindi, English, Arabic, Urdu और Tarjuma के साथ देखते हैं तो आपसे गुज़ारिश है कि इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ कर पूरी जानकारी हासिल जरूर करें |

Surah Maun in Arabic

Surah Maun in Arabic

بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ

أَرَأَيْتَ الَّذِي يُكَذِّبُ بِالدِّينِ

فَذَٰلِكَ الَّذِي يَدُعُّ الْيَتِيمَ

وَلَا يَحُضُّ عَلَىٰ طَعَامِ الْمِسْكِينِ

فَوَيْلٌ لِّلْمُصَلِّينَ

الَّذِينَ هُمْ عَن صَلَاتِهِمْ سَاهُونَ

الَّذِينَ هُمْ يُرَاءُونَ

وَيَمْنَعُونَ الْمَاعُونَ

Surah Maun in Hindi

Surah Maun in Hindi

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

अरएतल लजी यु कज्जीबू बिद्दिन

फजालीकल लजी यदु उल-यतीम

वला या हुद्दु अला ता-आमिल मिसकीन

फ वई लुल-लिल मु सल्लीन

अल लजीना हुम अन सलातीहीम साहून

अल लजीना हुम युरा-उन

व यमना उनल मा-उन

Surah Maun in Hindi Translation

Surah Maun in Hindi Translation

अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत बड़ा मेहरबान व निहायत रहम वाला है।

क्या तुमने उसे देखा जो दीन को झुठलाता है?

वही तो है जो अनाथ को धक्के देता है,

और मुहताज के खिलाने पर नहीं उकसाता

अतः तबाही है उन नमाज़ियों के लिए,

जो अपनी नमाज़ से ग़ाफिल (असावधान) हैं,

जो दिखावे के लिए कार्य करते हैं,

और साधारण बरतने की चीज़ भी किसी को नहीं देते

Surah Maun in Roman English

Surah Maun in Roman English

Bismilla Hiraahma Nir Rahaeem

Ara aytal lazi yukazzibu biddeen

Fazalikal lazi yadu ul yateem

Wala yahuzzu ala ta’amil miskeen

Fawaylul lil musalleena

Allazeena hum an salatihim sahoon

Allazeena hum yuraoona

Wayamna unal maona

Surah Maun in English

Surah Maun in English

In the name of Allah, Most Gracious, Most Merciful.

Have you seen the one who denies the Recompense?

For that is the one who drives away the orphan

And does not encourage the feeding of the poor.

So woe to those who pray

[But] who are heedless of their prayer

Those who make show [of their deeds]

And withhold [simple] assistance.

Surah Maun in Urdu

Surah Maun in Urdu

اللہ کے نام سےشروع جو نہایت مہربان ہمیشہ رحم فرمانےوالا ہے

بھلا تم نے اس شخص کو دیکھا جو (روزِ) جزا کو جھٹلاتا ہے؟

یہ وہی (بدبخت) ہے، جو یتیم کو دھکے دیتا ہے

اور فقیر کو کھانا کھلانے کے لیے( لوگوں کو) ترغیب نہیں دیتا 

تو ایسے نمازیوں کی خرابی ہے

جو نماز کی طرف سے غافل رہتے ہیں

جو ریا کاری کرتے ہیں

اور برتنے کی چیزیں عاریتہً نہیں دیتے 

सूरह अल-माऊन की तफ़सीर | Surah Maun Ki Tafseer

तो चलिए दोस्तों अब हम सूरह अल-माऊन की तफ़सीर देखते हैं |

सूरह अल-माऊन में अल्लाह ने 6 बातों को मज़म्मत फ़रमाई है और उन्हें नापसंद फ़रमाया है |

  • कयामत का इंकार:- रसूल अल्लाह (ﷺ) के दौर में या अभी भी काफ़िर रोज़े क़यामत का इंकार करते है, इसीलिए तमाम काफिरों को इस आयात में मुखातिब किया गया है |
  • यतीमों को धक्का देना:- यतीमों के साथ बहुत बड़ा जिलम ये था की उनको विरासत में से कोई हिस्सा नहीं देते थें और उनके माल को हड़प कर लिया करते थें |
  • फ़क़ीर को खाना खिलने की तरग़ीब न देना:- इस आयत का महफूम ये है कि फकीरों को खाना खिलने के लिए किसी को न कहना, जाहिर सी बात है कि जिस शख्स के दिल में नरमी नहीं होगी तो वो शख्स न तो किसी फ़क़ीर को खाना खिलायेगा और नहीं वो फ़क़ीर को खाना खिलने के लिए किसी को कहेगा, और ये शख्स खाना न खिलने का बहाना ये बनाया करते थे के “हम उनको कैसे खिलाए अगर अल्लाह चाहता तो उनको खुद खिला देता ” जिसका ज़िक्र अल्लाह ने सूरह यासीन में किया हैं |
  • नमाज़ में गफलत:- कई लोग नमाज़ तो पढ़ते हैं लेकिन दिल से नहीं पढ़ते सिर्फ किसी के डर या शर्म की वजह से या फिर किसी को दिखने के लिए पढ़ते हैं, और गफलत के मानी ये है के कभी नमाज़ पढ़ते हैं तो कभी नहीं पढ़ते और कभी नमाज़ पढ़ने में इनती देर कर देते हैं के नमाज़ का वक़्त ही खत्म हो जाता है और नमाज़ के अरकान से सही से अदा नहीं करते |
  • दिखावा:- बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो हर एक नेकी के काम जैसे नमाज़ पढ़ना हो या रोज़ा रखना हो या ज़कात देना हो या हज करना हो सब में अल्लाह की रज़ा के लिए नहीं बल्कि दिखावा के लिए करते हैं |
  • माऊन को रूक लेना:- हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद (रजि.)  का कौल है के इसका मतलन घरेलु जरुतों की आम चीज़ें हैं जो हम एक दूसरे को इस्तेमाल करने के लिए दे सकते हैं, लेकिन हज़रत अली (रजि.) ने इसका मतलब जकात बताया है जिसमे अल्लाह ने जकात न देने पर नाराजगी फ़रमाई है |

आख़िरी बात 

मै उम्मीद करता हूँ की आप Surah Maun in Hindi, English, Arabic, Urdu और Tarjuma के साथ सिख चुके होंगे साथ ही साथ इस सूरह की तफ़सीर भी जान चुके होंगे |

इसी लिए कभी भी क़यामत का इंकार नहीं करना चाहिए और यतीमों का हक़ नहीं मरना चाहिए और कभी भी नमाज़ में गफलत नहीं बरतनी चाहिए |

हमें हमेशा गरीब मिस्कीनों को खाना खिलाना चाहिए और जो भी नेक काम हम करते में वो खलिश अल्लाह के लिए करना चाहिए |

इसी तरह और भी सूरह जैसे सूरह फ़ील या और भी सूरह या इस्लामिक दुआ जानने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट से जुड़े रहें |

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