सूरह कुरैश हिंदी में तर्जुमा के साथ | Surah Quraish in Hindi

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आज हम क़ुरान के 106वीं सूरह Surah Quraish in Hindi, English, Arabic, Urdu और तर्जुमा के साथ सीखेंगे | 

साथ ही साथ lilafi quraish सूरह की तफसीर व तशरीह भी जानेंगे, जिसे हमें यक़ीनन जानना चाहिए | 

सूरह कुरैश एक मक्की सूरह है और इसमें एक रुकू, 4 आयतें, 70 कलिमे और 73 हर्फ़ हैं | 

lilafi quraish सूरह क़ुरान के 30वें पारे में मौजूद है जिसे हम आसानी से बहुत ही कम वक़्त में याद कर सकते हैं | 

तो चलिए अब हम सूरह कुरैश हिंदी में (Surah Quraish in Hindi) देखते हैं, और आपसे गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को आख़िर तक पढ़ कर पूरी जानकारी हासिल जरूर करें | 

Surah Quraish in Hindi

Surah Quraish in Hindi

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

लि-इलाफी कुरैश

इलाफिहिम् रिह् ल तशिशिता इ वस्सैफ़

फल यअबुदू रब् ब हाजल् बैत

अल्ल्जी अत अ म हुम् मिन् जूअिव् व आ म नहूम मिन् खौफ 

सूरह कुरैश का तर्जुमा | Surah Quraish in Hindi Tarjuma

Surah Quraish in Hindi Tarjuma

अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत बड़ा मेहरबान व निहायत रहम वाला है।

चूँकि क़ुरैश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है

तो उनको मानूस कर देने कि वजह से

इस घर के मालिक कि इबादत करनी चाहिए

जिसने उनको भूख लगने पर खाना दिया है, और अमन अता किया

Surah Quraish in Arabic

Surah Quraish in Arabic

بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

لِاِيۡلٰفِ قُرَيۡشٍۙ

 اٖلٰفِهِمۡ رِحۡلَةَ الشِّتَآءِ وَالصَّيۡفِ‌ۚ‏

 فَلۡيَعۡبُدُوۡا رَبَّ هٰذَا الۡبَيۡتِۙ‏

 الَّذِىۡۤ اَطۡعَمَهُمۡ مِّنۡ جُوۡعٍ ۙ وَّاٰمَنَهُمۡ مِّنۡ خَوۡفٍ

Surah Quraish in Roman English

Surah Quraish in Roman English

Bismilla Hiraahma Nir Rahaeem

Li Ilaafi Quraish

Ilafihim Rih L Tashita I Wassaif

Fal Ya’abudu Raba Haajal Bait

Al laji At A Ma Hum Min Juaiw wa Aa Manahum Min Khauf

Surah Quraish in English

Surah Quraish in English

In the name of Allah, Most Gracious, Most Merciful.

For the accustomed security of the Quraysh

Their accustomed security [in] the caravan of winter and summer

Let them worship the Lord of this House,

Who has fed them, [saving them] from hunger and made them safe, [saving them] from fear.

Surah Quraish in Urdu

Surah Quraish in Urdu

اللہ کے نام سےشروع جو نہایت مہربان ہمیشہ رحم فرمانےوالا ہے

قریش کے مانوس کرنے کے سبب

ان کو جاڑے اور گرمی کے سفر سے مانوس کرنے کے سبب(یعنی)

لوگوں کو چاہیئے کہ (اس نعمت کے شکر میں) اس گھر کے مالک کی عبادت کریں 

جس نے ان کو بھوک میں کھانا کھلایا اور خوف سے امن بخشا 

सूरह कुरैश की तफसीर व तशरीह 

कुरैश किसे कहते हैं ?

कुरैश मक्का में आबाद कबीलों में से एक कबीला था जिन्हें काबे की देख रेख का शर्फ हासिल था | 

मक्का में न तो खेली हो पाती थी नहीं जानवरों की परवरिश ही हो पाती थी क्यूँ की मक्का एक रेगिस्तान इलाका है जहाँ सही से न तो पानी ही मिलता था और न जानवरों के लिए चारा इसी लिए वो ऊट पाला करते थे जो बिना पानी के कई रोज रह सकते है और वो चारे के तौर पर कांटेदार पौधों को अपना खुराक बना लेते है | 

इसीलिए कुरैश के रोज़ी रोटी का मदार तिजारत (बिज़नेस) पर था, और आमतौर पर कुरैश कबीले के लोग तिजारत (बिज़नेस) के लिए साल में दो सफर किया करते थें | 

एक सर्दी के मौसम में यमन की तरफ क्युकी उस वक़्त यमन का मौसम गर्म हुआ करता था और दूसरा गर्मी के मौसम में शाम की तरफ क्युकी उस वक़्त शाम का मौसम ठंडा हुआ करता था | 

इन दोनों इलाके में हुकूमत नाम की कोई चीज़ नहीं थी और गरीबी भी हद से ज्यादा थी जिसके सबब लोग राश्ते में काफिले को लूट मार कर लिया करते थें, लेकिन कुरैश कबीले के काफले को कोई लूट मार नहीं करते थे क्यूँ के लोग क़ुरैश कबीले की इज़्ज़त और एहतराम किया करते थें | 

कोई भी कुरैश कबीला पर हमला क्यूँ नहीं करता था ?

कुरैश कबीला पर हमला न करने का सबसे बड़ा वजह ये था के कुरैश काबा के मुतवल्ली थे और असहाबे फील के वाकिये के बाद लोगों के नज़र में कुरैश कबीले की इज़्ज़त और बढ़ गई थी | 

साथ ही साथ जो लोग मक्का जाते थें उसकी ये मेहमान नवाज़ी भी किया करते थें | 

कुरैश कबीला पर अल्लाह के कौन से 3 इनाम थे ?

कुरैश कबीला को अल्लाह ने 3 इनाम से नवाज़ा था जो के काबे की वजह से था, इस सूरह (Surah Quraish in Hindi) में अल्लाह उसी इनाम का कुरैश को एहसान याद दिला रहें | 

  1. गर्मी के मौसम में और शर्दी के मौसम में कुरैश का बे खौफ तिजारत (बिज़नेस) के लिए साल में दो सफर करना | 
  2. ऐसी सरजमीन में बसने के बावजूद जहा न तो सही से पानी मुअस्सर होती थी  जानवरों के चारे के लिए घाँस फुस ऐसे में उन्हें खाने पिने की चीज़ें मुहय्या करना | 
  3. उनका ऐसे हाल में महफूज़ रहना जहा ऐसी कोई हुकूमत न थी जो अमन कायण करें | 

इस सूरह (Surah Quraish in Hindi) के जरिए  कुरैश से इन तीन नेमतों का ज़िक्र किया जो उन्हें काबे की खिदमत  वजह से हासिल हुए थी, इसीलिए उनको भी चाहिए की शुकराने के तौर पर काबे में मौजूद बुतों की परस्तिश बजाए इस घर के मालिक अल्लाह की इबादत करें | 

सूरह कुरैश का सबक क्या है ?

lilafi quraish सूरह का सबक ये है कि ज़िंदगी की तमाम जरूरतों का पूरा होना और अमनो अमान में रहना अल्लाह की नेमत है, और ये नेमत बहुत बड़ी नेमत है जो हर किसी को हासिल नहीं होती इसीलिए अल्लाह के हर नेमत के लिए अल्लाह का शुक्र अदा करते रहना चाहिए | 

आख़िरी बात 

मुझे उम्मीद है कि आप Surah Quraish in Hindi, English, Arabic, Urdu और तर्जुमा के साथ सिख चुके होंगे और साथ ही साथ आप इस सूरह की तफसीर भी जान चुके होंगे | 

इसीलिए हमें भी चाहिए के अल्लाह ने जो हमें नेमत दी है उसका हमेशा शुक्र अदा करते रहें, और शिर्क से बचते हुए सिर्फ अल्लाह की इबादत करें | 

इसी तरह और भी सूरह जैसे सूरह अस्र या और भी सूरह या इस्लामिक दुआ सिखने के लिए आप हमारे इस वेबसाइट से जुड़े रहें | 

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