तरावीह की दुआ | Taraweeh Ki Dua in Hindi, English, Arabic & Urdu

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, आज हम Taraweeh Ki Dua तरावीह की दुआ हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ देखेंगे | 

साथ ही साथ हम ये भी जानेंगे की तरावीह की दुआ के फायदे क्या है और तरावीह से जुडी कुछ हदीश भी देखेंगे | 

यक़ीनन आप से अच्छे से जानते होंगे की रमज़ान में अल्लाह के रहमत की बारिश होती है, और अल्लाह शैतान को कैद कर देता है | 

इसीलिए हमें इबादत में ज्यादा दिल लगता है और हम बढ़ चढ़ कर नेकी की काम करते हैं साथ ही साथ हम रात में इशा के नमाज़ के बाद तरावीह भी पढ़ते है | 

तरावीह किसी मस्जिद में 8 रकत होती है तो किसी में 20 रकत और हम तरावीह की दुआ को हर 4 रकत के बाद पढ़ते हैं | 

तो चलिए अब हम इस दुआ को देखते हैं और आपसे गुज़ारिश है की इस आर्टिकल को शुरू से आखिर तक जरूर पढ़ें इंशाल्लाह आप इस दुआ को अच्छे से सिख जाएंगे | 

Taraweeh Ki Dua in Arabic

Taraweeh Ki Dua in Arabic

سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْکِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ ط سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ ط اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْر۔

Taraweeh Ki Dua in Hindi

Taraweeh Ki Dua in Hindi

सुबहान ज़िल मुल्कि वल मलकूत, सुब्हान ज़िल इज्ज़ति वल अज़मति वल हय्बति वल कुदरति वल किबरियाई वल जबरूत, सुबहानल मलिकिल हैय्यिल लज़ी ला यनामु वला यमुतू सुब्बुहून कुददुसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर रूह, अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नारि या मुजीरू या मुजीरू या मुजीर

Taraweeh Ki Dua with Tarjuma

Taraweeh Ki Dua with Tarjuma

पाक है वो अल्लाह जो मुल्क और बादशाहत वाला है | पाक है वो अल्लाह जो इज्ज़त वाला, और अज़मत वाला, और हैबत वाला, और कुदरत वाला, और बड़ाई वाला, और सतवत वाला है | पाक है वो अल्लाह जो बादशाह है, जिंदा रहने वाला है, के ना उसके लिए नींद है और ना मौत है, वो बे इन्तेहा पाक है, और बेइंतेहा मुक़द्दस है, हमारा परवरदिगार फरिश्तों और रूह का परवरदिगार है | ए अल्लाह जहन्नम की आग से हमें बचाना | ऐ बचाने वाले, ऐ पनाह देने वाले, ऐ निजात देने वाले |

Taraweeh Ki Dua in Roman English

Taraweeh Ki Dua in Roman English

Subhana zil mulki wal malakut. Subhana zil izzati wal azmati wal haibati wal qudrati wal kibriya ay wal jabaroot. Subhanal malikil hayyil lazi la yanaamo wala yamato subbuhun quddusun rabbuna wa rabbul malaikati war ruh-allahumma ajirna minan naar ya mujiro ya mujiro ya mujeer.

Taraweeh Ki Dua in English

Taraweeh Ki Dua in English

Glory be to the owner of the kingdom of the earth and the heavens. Glory be to He who commands respect and honor and magnificence and awe and power and greatness and omnipotence. Glory be to the sovereign, the ever-living, Who does not sleep nor die. He is the most praised, the most holy, Our Lord, and the Lord of all the angels and the spirit. O Allah! save us from the fire of hell. O protector! O protector! O protector!

Taraweeh Ki Dua in Urdu

Taraweeh Ki Dua in Urdu

پاک ہے وہ الله جو ملک اور بادشاہت والا ہے، پاک ہے وہ الله جو عزت والا ہے اور عظمت والا اور ہیبت والا اور کدرت والا اور بڑھائی والا اور سٹول والا ہے ، پاک ہے وہ الله جو بادشاہ ہے ، زندہ رہنے والا ہے ، کے نہ اسکے لئے نیند ہے اور نہ موت ہے ، وہ بے انتہا پاک ہے ، اور بے انتہا مقدّس ہے ، ہمارا پروردگار فرشتوں اور روح کا پروردگار ہے ، اے الله ہمیں جہنّم کی آگ سے بچانا ، اے بچانے والے ، اے پناہ دینے والے ، اے نجات دینے والے

Taraweeh Ki Dua Ke Fayde

  •  इस दुआ के जरिए हमे अल्लाह से जहन्नम के आग से पनाह मांगने में मदद करती है | 
  • इससे रूहानियत में इज़ाफ़ा होता है | 
  • इससे हमें सुकून हासिल होता है | 
  • इससे हमारा ईमान मजबूत होता है | 
  • जो शख्स ईमान रख कर और अल्लाह से इनाम के नियत से तरावीह पढ़ता है तो उसके पिछले गुनाह माफ़ हो जाते हैं| 

Taraweeh Ki Hadish

1. अबू हुरैरा (ra) से रिवायत है कि: रसूल अल्लाह(ﷺ) ने फ़रमाया जो कोई रमज़ान में (रातों को) ईमान रख कर और सवाब के लिए इबादत करे उस के अगले गुनाह बख्स दिए जाएंगे | 

Reference: Sahih al-Bukhari 37 , Riyad as-Salihin 1188

2. आएशा(ra) से रिवायत है कि रसूल अल्लाह(ﷺ) ने एक रात मस्जिद में नमाज़ पढ़ी, सहाबा ने भी आप (ﷺ) के साथ ये नमाज़ पढ़ी , दूसरी रात आप (ﷺ) ने ये नमाज़ पढ़ी तो नमाज़ियों की तादाद बहुत बढ़ गई, तीसरी या चौथी रात तो पूरा इज्तमा ही हो गया था, लेकिन रसूल अल्लाह(ﷺ) उस रात नमाज़ पढ़ने तशरीफ़ नहीं लाए, सुबह के वक़्त रसूल अल्लाह(ﷺ) ने फ़रमाया के तुम लोग जितनी बड़ी तादाद में जमा हो गए थे, मैंने उसे देखा लेकिन मुझे बाहर आने से ये ख्याल माना रहा के कहीं तुम पर ये नमाज़ फर्ज़ न हो जाए , ये रमज़ान का वाक़्या था | 

Reference: Sahih al-Bukhari 1129

FAQs:

Q. तरावीह की दुआ पढ़ना जरूरी है क्या?

A. नहीं तरावीह की दुआ पढ़ना जरूरी नहीं है | 

Q. तरावीह में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?

A. “सुबहान ज़िल मुल्कि वल मलकूत, सुब्हान ज़िल इज्ज़ति वल अज़मति वल हय्बति वल कुदरति वल किबरियाई वल जबरूत, सुबहानल मलिकिल हैय्यिल लज़ी ला यनामु वला यमुतू सुब्बुहून कुददुसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर रूह, अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नारि या मुजीरू या मुजीरू या मुजीर”

Q. क्या तरावीह महिलाओं के लिए अनिवार्य है?

A. नहीं तरावीह महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है, अगर पढ़ती हैं तो सवाब मिलेगा और अगर नहीं पढ़ती तो कोई गुनाह नहीं| 

Q. तरावीह सुन्नत है या नफ्ल?

A. तरावीह सुन्नत है | 

Q. क्या मैं अकेले तरावीह कर सकता हूं?

A. जी हाँ आप अकेले तरावीह पढ़ सकते हैं | 

Q. तरावीह 20 रकात किसने बनाई?

A. तरावीह 20 रकात उमर बिन अल खत्ताब (ra) ने बनाई

Q. तरावीह के बाद कौन सी नमाज है?

A. तरावीह के बाद वित्र की नमाज़ है | 

आख़िरी बात 

मुझे उम्मीद है कि आप Taraweeh Ki Dua सिख चुके होंगे और आपको ये पोस्ट पसंद भी आई होगी | 

अगर आप इस दुआ को अभी तक याद नहीं किए हैं तो इसे देख कर भी पढ़ सकते हैं | 

इसी तरह अगर आपको इफ्तार की दुआ या शहरी की दुआ याद नहीं तो इन दुआओं को भी जरूर याद करलें | 

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