अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, क्या आप जानना चाहते हैं कि Umrah Kya Hota Hai या उमराह के दौरान क्या पढ़ते हैं या उमराह और हज के बीच मुख्य अंतर क्या हैं या उमराह के क्या फायदे हैं तो बिलकुल सही जगह पर आए हैं |
क्युकी आज हम इन सबके बारे में जानेंगे साथ ही साथ ये भी जानेंगे की उमरा पर जाने का सबसे अच्छा समय कब है और उमरा के दौरान किस तरह के कपड़े पहने जाते हैं ये सब अच्छी तरह जानेंगे |
तो आपसे गुज़ारिश है कि इस आर्टिकल को आख़िर तक पढ़ कर पूरी जानकारी हासिल करें | इंशाअल्लाह आप इसके बारे में अच्छी तरह सब कुछ जान जाएंगे |
Contents
उमरा क्या है?
उमरा को कम हज या मामूली हज के नाम से भी जाना जाता है | उमराह हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) की बहुत ही प्यारी सुन्नत है | उमराह साल में कभी भी कर सकते हैं |
उमराह करने के लिए साल में किसी भी महीने में पुरे दुनिया भर से लोग मक्का आते हैं और मक्का में दाखिल होने से पहले इहराम बांध कर दाख़िल होते हैं |
उसके बाद 7 चक्कर काबा शरीफ़ का तवाफ़ करते हैं, इसके बाद 7 चक्कर सफा और मारवाह के पहाड़ियों के बीच सई करते हैं फिर सर का बाल मुंडवा कर उमराह मुकम्मल कर लेते हैं |
Jami` at-Tirmidhi 931 में जाबिर रजि. बयां करते हैं कि रसूल अल्लाह (ﷺ) से पूछा गया की क्या उमराह फर्ज़ है? तो आप (ﷺ) ने फ़रमाया नहीं, लेकिन अगर तुम उमराह करो तो ये ज्यादा नेकी का काम है |
Jami` at-Tirmidhi 933 में रिवायत है कि रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया के एक उमराह से दूसरे उमराह के बिच का वक़्त गुनाहों का कफ़्फ़ारा होता है |
उमरा के प्रकार
उमराह 2 तरह के होते हैं पहला Umrat al-Mufradah और दूसरा Umrat al-Tamattu होता है |
Umrat al-Mufradah: इसका मतलब ये है के सिर्फ उमराह किया जाए बगैर इसके के उसी साल हज भी किया जाए, ये उमराह साल के किसी भी वक़्त किया जा सकता है |
Umrat al-Tamattu: ये उमराह उसी साल हज के साथ किया जाता है, इसमें लोग हज से पहले के महीनों में उमराह करते हैं, और उमराह के बाद इहराम की हालत से बहार निकलते हैं, और फिर साल के आख़िर में हज के लिए इहराम बांधते हैं |
उमराह और हज के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?
- इस्लाम के पांच सुतूनों(पिलर) में से एक सुतून हज है जिसे हर मआसी तौर पर काबिल और जिस्मानी पर सेहतमंद मुसलमान को ज़िन्दगी में कम से कम एक बार हज जरूर करना चाहिए | लेकिन जैसा के पहले हदीश के जरिए बया चूका हूँ उमरा करना जरुरी (फर्ज़) नहीं है |
- हज और उमराह दोनों को हम अपने ज़िंदगी में जितनी बार भी चाहते हैं कर सकते हैं |
- जैसा के पहले ही बता चूका हूँ की उमराह साल में कभी भी कर सकते हैं, लेकिन हज इस्लामिक महीने के धुल अल-हिज्जा के पहले दस दिनों के दौरान किया जाता है |
- उमराह में कुछ ही अरकान होते हैं जिसकी वजह से इसे कुछ ही घंटों में किया जा सकता है, जब की हज में बहुत सारे अरकान होते हैं जिसकी वजह से हज पूरा करने में लगभग 5-6 दिन लगता है |
- हज के अरकान बुनयादी तौर पर मैदाने अराफात और मुजदलफा में होती है जबकि उमराह के अरकान मक्का में और सफा और मारवाह के पहाड़ियों के दरमियान काबा शरीफ का तवाफ़ और सई करने से हो जाती है |
- हज में एक दिन मैदाने अराफात में गुज़ारना होता है जबकि ये उमराह का हिस्सा नहीं है |
- हज का एहतमान ईद अल अज़हा के मौके पर और जानवर के क़ुरबानी के साथ किया जाता है, जबकि ये उमराह का हिस्सा नहीं है |
उमराह कहाँ स्थित है?
उमराह सऊदी अरब के मक्का शहर में मौजूद मस्जिद अल-हरम में किया जाता है, ये मुसलमानों के लिए दुनियाँ का सबसे पाक शहर है और यही काबा शरीफ़ (अल्लाह का घर) मौजूद है, और मक्का में ही हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (ﷺ) पैदा हुए थें |
किस तरह के कपड़े पहने जाते हैं?
उमराह करते वक़्त मर्द और औरतों का लिबास अलग अलग होता है जो जो निचे लिखा है |
मर्द के लिए
- इहराम :- इहराम दो बगैर सिला हुआ सफ़ेद कपड़ों का होता है, एक जिस्म के निचले हिस्से पर लिपटा होता है, और दूसरा हिस्सा बाएँ कंधे पर लिपटा होता है | उमराह या हज के दौरान इहराम पहनना जरुरी होता है |
- रिदा :- एक हल्का, आमतौर पर सफ़ेद लिबास जो कभी कभी अहराम के कपडे के ऊपर पहना जाता है | ये थोड़ा सा इज़ाफ़ी अहाता फ़राहम करता है |
- सैंडल :- तवाफ़ और सई के दौरान पैरों की हिफाज़त के लिए सादा सी सैंडल पहनना चाहिए जो टखनों को नहीं ढकती है |
औरतों के लिए :
- ढीले कपड़े:- औरतों को ढीला कपड़ा पहनना चाहिए, बिलकुल बदन से चिपका हुआ कपडा नहीं पहनना चाहिए, और अबाया पहनना चाहिए जो चेहरे, हाथों, और पैरों के अलावा पुरे जिस्म को ढकती हो |
- हिजाब:- बालों और गर्दन को ढकने के लिए सर पर एस्कार्फ़ पहनना चाहिए, और चेहरे को ढकने के लिए नक़ाब (बुर्खा) भी पहन सकती हैं |
- सैंडल :- मर्दों की तरह पैरों की हिफाज़त के लिए अरकान के दौरान सादा सी सैंडल पहनना चाहिए, लेकिन हिल्स वाली सैंडल पहनने की इजाजत नहीं है |
उमराह के क्या फायदे हैं?
- उमराह करने का सबसे बड़ा फायदा हमें ये होता है कि हमें अल्लाह की रज़ा हासिल होती है |
- एक उमराह से दूसरे उमराह के बिच का वक़्त गुनाहों का कफ़्फ़ारा होता है |
- उमराह करने से हमारे गुनाह माफ़ होते हैं |
- उमराह हमारे ईमान को मजबूत करता है जिससे हमें इबादत में दिल लगता है |
- उमराह करने से हमें अल्लाह का मेहमान बनने का शर्फ हासिल होता है |
- उमराह करने से हमारे रोज़ी में बरकत होता है और हमसे गरीबी दूर होती है |
उमरा पर जाने का सबसे अच्छा समय कब है?
उमरा पर जाने का सबसे अच्छा वक़्त रमज़ान का महीना होता है |
Sunan an-Nasa’i 2110 में इब्ने अब्बास(रजि.) बयान करते हैं कि रसूल अल्लाह (ﷺ) ने अंसार में से एक औरत से फ़रमाया जब रमजान आए तो उमराह कर लिया करो, क्यों के इसमें उमराह हज के बराबर होता हैं |
उमरा कितना लंबा है? उमराह पूरा करने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर उमराह एक दिन में किया जा सकता है और उस एक दिन में भी वहाँ कितना भीड़ है या मौसम से हिसाब से वक़्त ज्यादा या कम लग सकता है |
उमराह करने में सबसे ज्यादा वक़्त तवाफ़ करने और सई करने के लगता है, और दोनों को पूरा करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं तो ऐसे में आपको उमरा मुकम्मल करने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं |
आप उमराह के दौरान क्या पढ़ते हैं?
तो चलिए अब हम उमराह के दौरान पढ़ने वाले दुआओं को देखते हैं जो हमने निचे लिखा है आपको याद नहीं तो उन दुआओं को भी जरूर याद करलें |
- उमराह करने के लिए सफर का आगाज करते हैं तो सफर की दुआ करते हैं |
- एहराम बांधने और तलबिया की शुरुआत करने की दुआ करते हैं |
- जब मस्जिद में दाखिल करते हैं तो मस्जिद में दाखिल होने की दुआ करते हैं |
- तवाफ़ की दुआ करते हैं |
- ज़मज़म का पानी पीते हैं तो ज़मज़म का पानी पीने की दुआ पढ़ते हैं |
- जब मस्जिद से बहार निकलते हैं तो मस्जिद से निकलने की दुआ करते हैं |
- सई करते वक़्त सई करने की दुआ करते हैं |
आख़िरी बात
मुझे उम्मीद है कि आप अच्छी तरह जान चुके होंगे की Umrah Kya Hota Hai या उमराह के दौरान क्या पढ़ते हैं या उमराह और हज के बीच मुख्य अंतर क्या हैं या उमराह के क्या फायदे हैं |
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