Namaz Ki Niyat Ki Dua in Quran

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन। क्या आप Namaz Ki Niyat Ki Dua के तालाश में हैं तो बिलकुल बेफिक्र हो जाए क्यूँ की आज हम नमाज़ की नियत की दुआ हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और तर्जुमा के साथ देखेंगे | 

यक़ीनन आप ये अच्छी तरह जानते होंगे की हम सब पर दिन में 5 वक़्त का नमाज़ फर्ज़ किया है इसीलिए हमें नमाज़ कज़ा नहीं करना चाहिए | 

जब हम नमाज़ पढ़ने के लिए खड़े होते हैं तो हम इस दुआ को पढ़ कर नमाज़ की नियत करते हैं, किसी भी नमाज़ से पहले हम ये दुआ पढ़ सकते हैं | 

तो चलिए अब हम इस दुआ को देखते हैं  गुज़ारिश है कि इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें | 

Namaz Ki Niyat Ki Dua in Arabic

اِنِّىۡ وَجَّهۡتُ وَجۡهِىَ لِلَّذِىۡ فَطَرَ السَّمٰوٰتِ وَالۡاَرۡضَ حَنِيۡفًا‌ وَّمَاۤ اَنَا مِنَ الۡمُشۡرِكِيۡنَ‌ۚ‏ 

Reference:- Surah Anam Ayat 79

Namaz Ki Niyat Ki Dua in Hindi

इन्नी वज्जहतु वजहिया लिल्लाजी फतरस समावाती  वल अर्ज़ हनीफन वमा अना मीनल मुशरिकीन 

तर्जुमा:- मैंने तो यकसु हो कर अपना रुख उस हस्ती की तरफ कर लिया जिस ने ज़मीन और आसमानों को पैदा किया और मैं हरगिज़ शिर्क करने वालों में से नहीं हूँ |  

Namaz Ki Niyat Ki Dua in Roman English

Innee wajjahtu wajhiya lillaze fataras samawati wal-arj haneefan wama ana minal mushrikeen

Namaz Ki Niyat Ki Dua in English

I have turned my face towards the One Who has originated the heavens and the earth—being upright—and I am not one of the polytheists.

Namaz Ki Niyat Ki Dua in Urdu

میں نے تویکسو ہو کر اپنا رخ اُس ہستی کی طرف کر لیا جس نے زمین اور آسمانوں کو پیدا کیا ہے اور میں ہرگز شرک کرنے والوں میں سے نہیں ہوں”

आख़िरी बात 

मुझे उम्मीद है कि आप Namaz Ki Niyat Ki Dua सिख चुके होंगे और आपको ये आर्टिकल पसंद भी आई होगी, अगर आई है तो कमेंट करके जरूर बताए | 

और अगर आपको नमाज़ क़ायम करने की दुआ याद नहीं तो इस दुआ को भी याद करलें | 

आख़िर में आपसे गुज़ारिश है कि और भी इस्लामिक दुआ जानने के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहें और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके सदक़ा ए जारिया हासिल करें | 

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